भोपाल: डॉ. अंबेडकर ने दलितों, शोषितों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार संघर्ष कियाःचौहान
भोपाल, 6 दिसंबर (हि.स.)। संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर
भोपाल: डॉ. अंबेडकर ने दलितों, शोषितों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार संघर्ष कियाःचौहान


भोपाल, 6 दिसंबर (हि.स.)। संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित किए। पार्टी नेताओं ने भारत रत्न डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा एवं चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित की। भोपाल के बोर्ड आफिस चौराहा स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने माल्यार्पण कर डॉ. अंबेडकर का पुण्य स्मरण किया। पार्टी कार्यालय सहित सभी जिला केन्द्रों पर अंबेडकर जी की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण किया गया।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड आफिस चौराहा स्थित डॉ. अंबेडकर प्रतिमा को किया नमन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बोर्ड आफिस स्थित भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री चौहान ने बाबा साहेब अंबेडकर के चरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि बाबा साहब अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। वे भारत के संविधान के निर्माता हैं। वे समाज सुधारक, महान शिक्षाविद्, सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उन्होंने गरीबों, दलितों और शोषितों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार संघर्ष किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं, जो सबसे पीछे और नीचे रह गए हैं, उनके उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेकों योजनाएँ बनाई हैं। मध्यप्रदेश सरकार भी कल्याणकारी योजनाएँ बनाकर सबके कल्याण और उत्थान में जुटी है।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश नारायण सारंग, प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, किशन सूर्यवंशी, राहुल राजपूत, राजेन्द्र गुप्ता, बृजुला सचान,सतीश विश्वकर्मा, सहित पार्टी पदाधिकारी व जिला कार्यकर्तागण मौजूद थे।

प्रदेश कार्यालय में बाबा साहब को दी श्रद्धांजलि

डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर भारतीय जनता पार्टी, प्रदेश कार्यालय में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। पार्टी कार्यकर्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ केशव दुबे