नई दिल्ली, 06 दिसंबर (हि.स.)। दक्षिण पूर्वी जिला साइबर सेल ने कानपुर की एक कंपनी से ऑनलाइन ठगी करने वाले पिता पुत्र को जयपुर से गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना अफ्रीकी मूल का नागरिक है, जिसे बरेली पुलिस अगस्त माह में एक सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल जेल में हैं। दिल्ली पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी की सूचना बरेली और कानपुर पुलिस के दे दी है। डीसीपी ईशा पांडेय ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपित की पहचान कस्बा फरीदपुर बरेली यूपी निवासी मेहंदी हसन उर्फ हरपाल सिंह और उसके बेटे बदरपुर दिल्ली निवासी मोहम्मद अरबाज खान के रूप में हुई है। अरबाज बदरपुर में अपने ननिहाल में रहता था।
बरेली थाना पुलिस ने अगस्त 2021 को कानपुर की एक कंपनी गणेश इकोस्फीयर लिमिटेड के चालू खाता से करोडों रुपये की ठगी में एक अफ्रीकी नागरिक और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में शामिल मेहंदी हसन और उसका बेटा फरार था। बरेली पुलिस ने दक्षिण पूर्वी जिले की साइबर सेल को बताया कि आरोपित अरबाज बदरपुर इलाके में रहता है। निरीक्षक संदीप पंवार के नेतृत्व में पुलिस ने अरबाज की तलाश शुरू की। वह बदरपुर से गायब था। तकनीकी जांच के जरिए पता चला कि दोनों पिता पुत्र जयपुर में मौजूद हैं। जहां से पुलिस ने दोनों को दबोच लिया।
पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि ठगी करने वाले गैंग का सरगना एक अफ्रीकी नागरिक है। दोनों पिता पुत्र फर्जी नाम से खुलवाए गए बैंक खाते को ठगों को कमीशन पर उपलब्ध करवाया था। आरोपितों का अपने हिस्से के पैसे को लेकर अफ्रीकी नागरिक से विवाद हो गया। उसके बाद अगस्त में विदेशी नागरिक फरीदपुर पहुंचा। जहां खाता धारक रुकसार मंसूरी से उसका विवाद हो गया।
विदेशी नागरिक बरेली के फरीदपुर थाना पहुंचा और रुकसार के साथ कारोबार को लेकर विवाद की शिकायत पुलिस से की, लेकिन पूछताछ के दौरान विदेशी नागरकि कारोबार के बारे में कुछ भी नहीं बता पाया। पुलिस ने विदेशी नागरिक और रुकसार को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद कानपुर की कंपनी के खाते से पैसे निकासी में शामिल होने का खुलासा हुआ। उसके बाद से आरोपित पिता पुत्र वहां से फरार हो गए थे।
फर्जी कागजात के जरिए करते थे ठगी
आरोपित बड़ी कंपनियों के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाता था। उसके बाद कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर नकली चालू खाता खुलवाते थे। फिर कंपनी के बैंक खाते से राशि ट्रांसफर करने के लिए बैंक को मेल और जाली पत्र भेजते थे।
राशि को विभिन्न खातों में ट्रांसफर करते थे और एटीएम के जरिए पैसे निकाल लेते थे। अफ्रीकी नागरिक कानपुर की कंपनी के खाते से 80 लाख रुपये निकालने के बाद उसे आरोपित पिता पुत्र सहित अन्य फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। कंपनी को खाते से पैसे निकालने जाने का पता चला तब उसने कानपुर के स्वरूप नगर थाने में इसकी शिकायत की।
हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी