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कवर्धा में विहिप भाजपा की रैली फेल
रायपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। कवर्धा में विहिप भाजपा के द्वारा सोमवार को की गई सभा भाजपा की डूबती राजनीतिक नैय्या को बचाने की कवायद है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कवर्धा की जनता ने भाजपा ने सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज कर दिया। भाजपा और विहिप के द्वारा दावा किया गया था कि कवर्धा में एक लाख से अधिक लोग एकत्रित होंगे। पूरी ताकत लगाने के बाद दो से तीन हजार लोग ही इकट्ठा कर पाये।
भाजपा के द्वारा पूरी ताकत लगाने तथा रमन सिंह के भ्रष्टाचार के लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद लोंगो ने भाजपा के धर्म से धर्म को लड़ाने के प्रयास एक बार फिर से विफल कर दिया। हिंदुओ ने कवर्धा में यह भी जता दिया कि विहिप उनकी ठेकेदार नहीं है। छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने की कुचेष्टा में लगी है। कभी धर्मांतरण के नाम पर कभी सांप्रदायिकता के नाम पर भाजपा नेता भ्रम फैलाने की कोशिशें करते है। जनता भाजपा के चरित्र को समझ चुकी है इसलिये लोग भाजपा के बहकावे में नहीं आ रहे और हर बार भाजपा को सांप्रदायिक एजेंडे की हवा निकल जाती है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का इतिहास साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ कर अपनी राजनीति को चमकाने का रहा है। कवर्धा में युवकों के दो छोटे समूह के आपसी झगड़े को भाजपा ने सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। धार्मिक सद्भाव खराब करने का षडयंत्र भाजपा-विहिप द्वारा रचा गया। कवर्धा के बाहर से भाजपा और विहिप के कार्यकर्ताओं को बुलाकर रमन सिंह के पुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और वर्तमान सांसद संतोष पाण्डेय ने सारी राजनैतिक मर्यादाओं को ताक के रखकर महौल को खराब करने असमाजिक तत्वों का नेतृत्व कर रैली निकाल कर तनाव को बढ़ाया। किसी भी भाजपा नेता ने कवर्धा में शांति बनाने की अपील नहीं किया। छोटा बड़ा हर नेता चाहता था सांप्रदायिक तनाव बढ़े ताकि भाजपा उसका राजनैतिक फायदा उठा सके।
हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल