1971 में जौहर दिखाने वाले सैनिकों का सम्मान
उदयपुर, 06 दिसम्बर (हि.स.)। लोकजन सेवा संस्थान की ओर से 1971 के युद्ध में जौहर दिखाने वाले सैनिकों क
1971 में जौहर दिखाने वाले सैनिकों का सम्मान


1971 में जौहर दिखाने वाले सैनिकों का सम्मान


उदयपुर, 06 दिसम्बर (हि.स.)। लोकजन सेवा संस्थान की ओर से 1971 के युद्ध में जौहर दिखाने वाले सैनिकों का सम्मान किया गया। सैनिकों ने शौर्य की गाथा भी सुनाई।

वीरचक्र प्राप्त लोकोपायलट दुर्गाशंकर पालीवाल ने युद्ध के दौरान 25 वैगन गोला-बारूद हथियारों से भरी ट्रेन को पाकिस्तान स्थित मुनाबाव से 40 किलोमीटर अन्दर पहुंचाने का रोमांचकारी अनुभव साझा किया। वहीं, ब्रिगेडियर रणशेर सिंह राणावत, ब्रिगेडियर सवाई सिंह जैतावत ने भी सामरिक रणनीति से संबंधित अनुभव साझा किए।

जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में लेफ्टि. जनरल एन.के. सिंह राठौड़, ब्रिगेडियर शेरसिंह राणावत, ब्रिगेडियर सवाई सिंह जैतावत, कमाण्डर प्रवीण सक्सेना, ग्रुप कैप्टन गजेन्द्र सिंह शक्तावत, कमाण्डर चरणजीत सिंह राठौड़, कर्नल महावीर सिंह, इतिहाविद् डॉ. देव कोठारी, डॉ. जी.एल. मेनारिया, डॉं. राजेन्द्र नाथ पुरोहित, डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. कुलशेखर व्यास, ज्ञान प्रकाश सोनी आदि का सम्मान किया गया।

लोकजन संस्था के संस्थापक जयकिशन चौबे ने बताया कि विशिष्ट अतिथि के रूप में प्राचार्य डॉ. सुमन पामेचा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में कविवर हिम्मत सिंह उज्ज्वल, डाड़मचंद दाड़म, डॉ. जय प्रकाश पंड्या ज्योतिपुंज, डॉ. करुणा दशोरा, डॉ. ममता पानेरी, डॉ. सुरेन्द्र पालीवाल, महेन्द्र साहू, भवानी शंकर गौड, सोमशेखर व्यास आदि ने हास्य एवं वीर रस की कविताएं प्रस्तुत की। चन्द्रप्रकाश चित्तौड़ा द्वारा रचित सूक्ष्मपुस्तिकाओं का विमोचन किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/ ईश्वर