मुख्यमंत्री ने एनडीएफबी के 1669 पूर्व कैडरों को वित्तीय सहायता प्रदान की
-आर्थिक क्रांति शुरू करने के लिए एनडीएफबी कैडरों को कृषि उपकरणों का उपयोग करने की जरूरत : सीएम कोकरा
कोकराझार में 1669 पूर्व एनडीएफबी को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।  


कोकराझार में 1669 पूर्व एनडीएफबी को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।  


कोकराझार में 1669 पूर्व एनडीएफबी को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।  


-आर्थिक क्रांति शुरू करने के लिए एनडीएफबी कैडरों को कृषि उपकरणों का उपयोग करने की जरूरत : सीएम

कोकराझार (असम), 06 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने आज कोकराझार में आयोजित एक समारोह में एनडीएफबी कैडरों के पुनर्वास पैकेज के तहत हथियार डालकर मुख्य धारा में लौट आए 1669 कैडरों में से प्रत्येक को चार लाख रुपये की राशि के सावधि जमा प्रमाण पत्र प्रदान किए।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत कोकराझार से 1062 पूर्व एनडीएफबी, चिरांग से 573 और ग्वालपाड़ा से 34 पूर्व कैडरों को वित्तीय सहायता दी गई है।

इस अवसर पर पूर्व एनडीएफबी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से बोडो शांति समझौते को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी को दोहराया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व-कैडरों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम आत्मनिर्भर असम बनाने और पूर्व-कैडरों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का यह प्रमाण है। उन्होंने पूर्व कैडरों से वित्तीय सहायता का रचनात्मक सदुपयोग करने का आह्वान किया।

बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्म और बोडो आंदोलन के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि उनके सर्वोच्च बलिदान ने बीटीआर में स्थायी शांति का माहौल तैयार किया। उन्होंने पूर्व कैडरों से भी अनुरोध किया कि वे बेईमान तत्वों के बहकावे में न आएं और इस योग्य शांति को और अधिक स्थायी बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि बीटीआर में शांति के साथ-साथ आर्थिक विकास का एक नया आंदोलन शुरू किया गया है। केंद्र और राज्य सरकारों और बीटीसी के नेतृत्व की मदद से बीटीसी समझौते का कार्यान्वयन जोरों पर चल रहा है। डॉ सरमा ने कहा कि समझौते के शेष हिस्सों को बाद में अक्षरश: लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पहलुओं पर असम अभी भी निर्भर है। असम से भारी मात्रा में धन की निकासी की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्पादक कार्यों के माध्यम से राज्य की आत्मनिर्भरता को बढ़ाया जा सकता है, जो बाद में आत्मानिर्भर असम की ओर ले जाएगा।

डॉ सरमा ने कहा कि राज्य के युवाओं को नौकरी चाहने वालों के अलावा रोजगार सृजक बनने की जरूरत है। उन्होंने मुख्य धारा में लौटने वाले चार हजार से अधिक पूर्व कैडरों से भी अपील की कि वे आर्थिक क्रांति को सफल बनाने के लिए कृषि उपकरणों को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि पुनर्वास कार्यक्रम में सभी पूर्व कैडरों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा। तदनुसार, जघन्य अपराधों के आरोपितों के अलावा, पूर्व-एनडीएफबी कैडरों के खिलाफ सभी मामलों को माफ कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दशक पुराने संघर्ष को समाप्त करने और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में एडीजीपी हिरेन नाथ ने स्वागत भाषण दिया। बीटीसी के मुख्य कार्यकारी सदस्य प्रमोद बोरो, डिप्टी सीईएम गोबिंदा बसुमतारी, विशेष डीजीपी एलआर बिश्नोई, मैदानी जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री यूजी ब्रह्म, आवास एवं शहरी विकास मंत्री अशोक सिंघल, विधायक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी आदि भी मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार/किशोर/अरविंद