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नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा के पूर्व महासचिव और 'प्रज्ञा' संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष सी.के. जैन का रविवार को हृदयाघात से अचानक निधन हो गया। वे 86 साल के थे।
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि “रविवार को सुबह करीब 4.00 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी, जिसके तत्काल बाद उन्हें गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।” डॉक्टरों के अनुसार जैन की मृत्यु ह्रदयाघात से हुई।
कुछ दिन पहले जैन के पुत्र का ब्रेन हेमरेज की वजह से निधन हो गया था, जिसकी वजह से वे गहरे शोक में थे। उनके पुत्र की पहचान एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट की थी।
सी.के. जैन मूल रूप से उत्तर प्रदेश स्थित इटावा के रहने वाले थे। वे 1 जनवरी 1992 से लेकर 31 मई 1994 तक 10वीं लोकसभा के दौरान लोकसभा सचिवालय के महासचिव पद पर रहे। भारत के संविधान में उनकी गहरी रुचि थी। उन्होंने कई देशों के संविधानों का भी अध्ययन किया था। जैन के आकस्मिक निधन पर लोकसभा अध्यक्ष और लोकसभा के महासचिव ने गहरा शोक प्रकट किया है।
जैन अपने आखिरी दिनों में इस बात से चिंतित थे कि संसद की कार्यवाही में निरंतर गतिरोध पैदा किया जा रहा है, जो स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अच्छी बात नहीं है। वे धार्मिक प्रवृति के थे और जैन धर्म को लेकर उनका अध्ययन गहरा था।
हिन्दुस्थान समाचार/ ब्रजेश/ पवन