--उच्च शिक्षा संस्थानों में नयी शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए चयनित विषयों पर होगी चर्चा
प्रयागराज, 01 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत राष्ट्रीय संस्थानों में लचीले शैक्षणिक कार्यक्रम (एफएपी) को लागू करने के लिए, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज के झलवा परिसर में एफएपी पर 3 दिसम्बर से दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इसकी मुख्य विशेषताओं में बहु संस्थान, बहु प्रवेश और पार्श्व प्रवेश, बहु निकास, बहु विषयक, बहु पद्धति और बहुभाषी, पोस्ट स्कूलिंग से लेकर पीएचडी स्तर तक शामिल हैं।
कार्यक्रम समन्वयक प्रो. नीतेश पुरोहित ने बुधवार को बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य एफएपी के शिक्षाविदों, प्रशासन और वित्तीय पहलुओं से सम्बंधित विभिन्न व्यावसायिक नियमों को ठोस बनाना है ताकि एफएपी को शुरुआत में तकनीकी शिक्षा के लिए 4 साल का पायलट मोड में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से संस्थान विश्वविद्यालय में शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एफएपी को बहु-विषयक, बहु-मोड, बहुभाषी, पार्श्व प्रवेश आदि के साथ-साथ पुनः प्रवेश के प्रावधानों के साथ कई निकास की अनुमति देने के लिए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत तैयार किया गया है।
ट्रिपल आईटी प्रयागराज में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान देश के प्रसिद्ध आईआईटी, एनएनआईटी, ट्रिपल आईटी, तकनीकी विश्वविद्यालयों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के साथ एआईसीटीई, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, नीति आयोग एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हो कर उच्च शिक्षा संस्थानों में नयी शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए चयनित विषयों पर चर्चा होगी। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली और आईईईई, उप्र अनुभाग ने इस सम्मेलन को गैर-वित्तीय सहायता प्रदान की है।
उल्लेखनीय है कि ट्रिपल आईटी, प्रयागराज ने एफएपी अध्यादेश का मसौदा तैयार किया और सीनेट ने जून 2021 में एफएपी अवधारणा की सराहना करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प दोहराया है। ट्रिपल आईटी निदेशक प्रो. पी नागभूषण ने कहा कि यह अध्यादेश एनईपी 2020 के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का एक अभिव्यक्ति है, इस दृष्टि से कि यह छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में निरंतरता बनाए रखने में सक्षम बनाता है।
ट्रिपल आईटी के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. पंकज मिश्रा ने बताया कि सम्मेलन के दौरान पांच पैनलों पर चर्चा होगी। पहले पैनल में मुख्य रूप से प्रो. रजत मूना निदेशक आईआईटी भिलाई, डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल महासचिव एआईयू, प्रो. ललित अवस्थी निदेशक एनआईटी जालंधर, प्रो. अनुपम शुक्ला निदेशक आईआईआईटी पुणे, प्रो. कंचन चौधरी आईआईटीकेजीपी, प्रो. रिंटू बनर्जी आईआईटीकेजीपी, प्रो आदित्य त्रिवेदी आईआईटीएम ग्वालियर, प्रो. अरविन्द चौबे निदेशक आईआईआईटी भागलपुर, प्रो. पंकज जलोटे आईआईटी दिल्ली, प्रो. शेखर वर्मा, प्रो. ओ.पी व्यास, प्रो. अनुपम, डॉ. सतीश सिंह, डॉ. सुनील यादव सभी ट्रिपल आईटी प्रयागराज शामिल होंगे। इसी प्रकार दूसरे पैनल में एफएपी के तहत नामांकित छात्रों के लिए व्यापक शैक्षणिक मानदंड और नियम पुस्तिका पर, तीसरे पैनल में एफएपी के शासी सिद्धांत पर, चौथे पैनल में एफएपी में गैर-तकनीकी पाठ्यक्रम पर तथा पांचवें पैनल में सभी पूर्व पैनलों की संक्षिप्त सिफारिशों और समझौता ज्ञापन पर चर्चा होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त