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पटना, 25 नवंबर (हि.स.)। बिहार में घने कोहरे और दृश्यता की समस्या बढ़ने के साथ ही पिछले 24 घंटे में ठंड ने दस्तक दे दी है। इसके साथ राज्य के कई जिलों का पारा सामान्य से काफी नीचे आ गया है। पछुआ हवाओं के प्रभाव से दक्षिण बिहार के अधिकतर शहरों में ठंड की सिहरन धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।
उत्तर बिहार में अभी दक्षिणी पूर्वी हवाओं के प्रभाव होने से ठंड थोड़ी कम है लेकिन चंपारण के इलाके में बुधवार की सुबह में घना कोहरा देखा गया। शुक्रवार को पटना में कोहरा था लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही मौसम साफ हो गया। हालांकि, जिन जगहों पर धूप निकली, वहां भी धूप में ज्यादा गर्मी नहीं रही।
बुधवार को पटना में इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा और न्यूनतम पारा सामान्य से तीन डिग्री नीचे 10.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। ठंड का असर लोगों की दिनचर्या पर साफ देखा गया। शाम ढलते ही सड़कों पर कम भीड़ रही। राज्य में गया जिला सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूर्णिया में दिनभर विजिबिलिटी की समस्या रही। यहां दोपहर में भी दृश्यता मात्र 550 मीटर की रही। कटिहार और पूर्णिया में आर्द्रता 100 प्रतिशत तक रिकॉर्ड की गई। राज्य में कई जिलों के ग्रामीण इलाकों में सुबह में विजिबिलिटी 200 से 300 मीटर तक पहुंचने की सूचना है।
मौसम विभाग के अनुसार पछुआ हवाओं का प्रसार पिछले डेढ़-दो दिनों में राज्य में बना है। गया में इसकी रफ्तार आठ से दस किमी प्रतिघंटे रही, जबकि पटना में अपेक्षाकृत कभी शांत तो कभी कम रही। अगले दो दिन तक मौसम की इसी तरह की स्थिति बने रहने के आसार है। घने कोहरे की स्थिति अगले तीन-चार दिनों तक रहेगी लेकिन इस बीच न्यूनतम पारे में आंशिक बढ़ोत्तरी भी देखी जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले साल नवंबर के महीने में पटना का न्यूनतम पारा नौ डिग्री के आसपास तक आ गया था जबकि गया का पारा 6.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इस लिहाज से इस साल ठंड की स्थिति अभी बेहतर है। हालांकि, वर्ष 2019 और 2018 में नवंबर महीन में सबसे कम न्यूनतम पारा 13 डिग्री ही दर्ज किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/चंदा