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जयपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में शनिवार शाम को जाने-माने रंगकर्मी अशोक राही के निर्देशन में नाटक ‘खेजड़ी की बेटी’ का जोरदार मंचन हुआ। ‘खेजड़ी की बेटी’ नाटक राजस्थान के उन 363 वृक्ष वीरों के बलिदान की याद दिलाता है,जिन्होंने पेड़ों को कटवाने से बचाने के लिए अपने सिर कटा कर खड़ाणा किया था। संवत 1787 में एक छोटे से गांव खेजड़ली और आसपास के ग्राम वासियों ने एक बहादुर बिश्नोई नारी अमृता देवी के नेतृत्व में यह अहिंसक बलिदान किया था।
नाटक की शुरूआत नाचते गाते बिश्नोई जनों के रंगारंग उत्सव से होती है। यह ग्रामीण अपनी जिंदगी में मस्त होते हैं, तभी एक दिन दीवान गिरधारदास भंडारी उनके पेड़ काटने का आदेश देता है। नाटक में उस समय की राजनीति पर भी गहरा तंज़ किया गया था। इस संगीत नृत्यमय नाटक में पारंपरिक नृत्य और गीतों का बेहतरीन उपयोग किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/ ईश्वर