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-मेला स्थल पर सुरक्षा का रहा व्यापक प्रबंध, मैदान की बदली रही व्यवस्था
वाराणसी, 16 अक्टूबर (हि.स.)। नाटी इमली के ऐतिहासिक भरत मिलाप में शनिवार को पूर्व काशीराज परिवार के उत्तराधिकारी डॉ. अनंत नारायण सिंह और उनके दोनों पुत्रों को हाथी पर न आने से बच्चे मायूस दिखे। मेले में बच्चों की आंखे लगातार रामलीला मैदान में हाथियों के काफिले को ढूंढती रही।
दरअसल, कोविड काल में महाराज कुंवर अनंत नारायण सिंह और उनके पुत्र पहली बार हाथियों के काफिले में आने के बजाय कार से आये। और मेले में निर्धारित मंच पर बैठ गये। परम्परानुसार मेले में महराज कुंवर हाथी पर सवार होकर पूरे रामलीला मैदान का परिक्रमा कर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते रहे हैं। इससे लाखों की भीड़ में पीछे बैठे लोग और दूर मकानों के छत पर खड़े लोग भी उन्हें देख हर-हर महादेव का परम्परागत उद्घोष कर हर्ष जताते थे।
बच्चे भी काशी की ऐतिहासिक परम्पराओं को चाव से देख महाराज कुंवर का अभिवादन करते थे। दरअसल बनारस में काशीराज परिवार को काशीपुराधिपति का प्रतिनिधि माना जाता है। पूरे देश में इसी राजपरिवार की ऐसी प्रतिष्ठा है कि लोग हर-हर महादेव के उदघोष से स्वागत करते हैं। चित्रकूट रामलीला समिति के भरत मिलाप में महाराज हाथी पर सवार होकर ही रामलीला संचालक को सोने की गिन्नी देते हैं। इस बार कोरोना को देखते हुए महाराज कुंवर ने भीड़ के बीच जाकर परिक्रमा के बजाय अपने प्रतिनिधि से पूजन सामग्री और सोने की गिन्नी कार्यवाहक व्यवस्थापक अभिनव उपाध्याय के पास भिजवाया।
उधर, मेले में सुरक्षा(शांति) व्यवस्था के लिए नागरिक सुरक्षा जैतपुरा प्रखंड के सहायता शिविर के जरिये मेले में आये लोगों का सहयोग किया। इसमें उपनियंत्रक, चीफ वार्डेन केशव जालान, डिविजनल वार्डेन ओमप्रकाश श्रीवास्तव, डिप्टी डिविजनल वार्डेन विनय कुमार मिश्र, पूर्व डिप्टी राजेश सेठ, निधि देव, संजय राय, भरत लाल कुशवाहा, डॉ अजय जायसवाल, अजय सिंह, डा. ओमप्रकाश मौर्या, कृपा शंकर मिश्र, अकील अहमद ने व्यवस्था बनाये रखने में प्रशासन का भी सहयोग किया। इसके लिए अफसरों ने भी सराहना की।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर