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वाराणसी, 13 अक्टूबर (हि.स.)। अय्यामे अजा के आखिरी सप्ताह में 6 रबी उल अव्वल 1443 हिजरी बुधवार को साठे के जुलूसों का सिलसिला शुरू हो गया। शिया समुदाय की ओर से कदीमी मजलिस शकील ज़ैदी के पितरकुंडा स्थित निवास पर आयोजित हुई। जिसमें मौलाना शारिक अब्बास अम्बेडकर नगर ने खेताब किया। इसके बाद जूलूस उठाया गया और शहर की कई अंजुमनों ने नौहा मातम किया। इस दौरान 6 महीने के अली असग़र का झूला देखकर रो पड़े।
शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि अंजुमन हैदरी, चौक अंजुमन जव्वादिया, अंजुमन निशाने अली, अंजुमन आबिदया और अंजुमन अज़ाये हुसैन ने नौहाख्वानी और मातम करके 6 महीने के शहीद को खेराजे अकीदत पेश किया। उन्होंने बताया कि गुरुवार 7 रबी उल अव्वल को तेलियानाला से मिर्ज़ा मुन्ने के निवास से जुलूस उठेगा। ये जुलूस 9 बजे रात में उठकर सदर इमामबाड़े लाट सरैया पहुचेगा। जिसमें शहर की कई सारी अंजुमनें नौहा और मातम करेगी। उन्होंने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को साठे का जुलुस उठाया जाएगा और 11 इमाम हसन अस्करी की शहादत पर ताबूत का जुलूस शब्बीर और सफ़दर के अज़ाखाना पुरानी अदालत दालमंडी से उठेगा, जिसमे अंजुमन हैदरी नोहा और मातम करेगी। जुलूस अपने कदीमी रास्ते नई सड़क काली महल पितरकुंडा होता हुए दरगाहे फातमान पर जाकर समाप्त होगा। जहां पर मजलिसें होगी और इमाम हुसैन को खेराजे अकीदत पेश किया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर