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नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि दिल्ली नर्सिंग काउंसिल (डीएनसी) में रजिस्टर्ड सभी नर्सों को डीएनसी के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के चुनाव में मतदान करने का अधिकार दिया जाए। याचिका इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन (आईपीएनए) ने दायर की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील रोबिन राजू और जोएल जोसेफ ने कहा है कि डीएनसी के कार्यकलाप में वित्तीय पारदर्शिता की कमी है। याचिका में मांग की गई है कि डीएनसी और दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि डीएनसी की आमदनी और खर्चे का ब्यौरा इसकी वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए। डीएनसी की आमदनी और खर्चों का ऑडिट आज तक कभी प्रकाशित नहीं किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली नर्सेज काउंसिल एक्ट में तत्काल संशोधन की जरूरत है ताकि डीएनसी के सदस्यों को नामिनेट करने का वर्तमान अलोकतांत्रिक और मनमाना तरीका खत्म किया जाए। याचिका में कहा गया है कि डीएनसी में करीब 90 हजार नर्सों ने रजिस्ट्रेशन कराया है लेकिन उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनने का कोई अधिकार नहीं है। नर्सों को डीएनसी का प्रतिनिधि चुनने के अधिकार से वंचित करना दूसरे प्रोफेशनल की तुलना में उनका अनादर है। याचिका में कहा गया है कि डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे प्रोफेशनल्स को अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट देने का अधिकार है लेकिन नर्सों के साथ ऐसा नहीं है।
दिल्ली नर्सिंग काउंसिल एक वैधानिक संस्था है, जो दिल्ली नर्सिंग काउंसिल एक्ट के तहत वजूद में आया है। दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इसके कामों पर नजर रखता है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय/वीरेन्द्र