-नवजात बच्ची के पिता और दादी ने बच्ची को घर ले जाने से साफ मना कर दिया
-बच्ची के जन्म की सूचना पर पिता गांव के तालाब में जाकर कूद गया और आत्महत्या करने की कोशिश की
बगहा, 13 अक्टूबर (हि.स.)। अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में एक में बेटी के जन्म पर अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया हैं। अस्पताल में जब बेटी का जन्म हुआ तो बाप ने नवजात को अपनाने से मना कर दिया।
बगहा शहर के शास्त्रीनगर पोखरा टोला वार्ड 18 के प्रदीप सहनी की पत्नी रीता देवी ने अनुमंडलीय अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया। उसके बाद से परिजनों ने सिर्फ इसलिए हंगामा खड़ा कर दिया कि यह उनकी चौथी बेटी हुई थी। नवजात बच्ची के पिता और दादी ने बच्ची को घर ले जाने से साफ मना कर दिया। लिहाजा मंगलवार की शाम से ही गर्भवती महिला अस्पताल में पड़ी पति की राह देख रही है।
प्रसूता महिला का कहना है कि बच्ची का लालन-पालन वह कर लेगी। इसके बावजूद परिजन ले जाने से मना कर रहे हैं। अस्पताल में पीड़िता के साथ आई आशा का कहना था कि जब उसने नवजात बच्ची के जन्म की सूचना उसके पिता को दी गई, तो वह गांव के तालाब में जाकर कूद गया और आत्महत्या करने की कोशिश की और बार-बार यह धमकी दे रहा है कि यदि बच्ची घर आ गई तो वह जान से मार देगा।
अस्पताल में पीड़िता के सास को स्थानीय लोग समेत स्वास्थ्यकर्मियों ने भी कई दफा समझाया लेकिन वह नवजात और उसकी मां को घर ले जाने को तैयार नहीं हुआ। नतीजतन अस्पताल समेत आसपास में इस घटना की चर्चा आग की तरह फैल गई है।
अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर डॉ. अग्रवाल ने बताया कि महिला ने मंगलवार की शाम एक पुत्री को जन्म दिया है। तबसे उसके परिजन उसपर भड़के हुए हैं और बच्ची को घर ले जाना नही चाह रहे हैं। कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं की बेटियों को भले ही लोग लक्ष्मी का दर्जा देते हों लेकिन आज भी बेटों की चाह इतनी प्रबल है कि लोग इस तरह के कुकृत्य करने से बाज नहीं आते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार /अरविंद