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ऊना, 07 अगस्त (हि.स.)। हरोली की ग्राम पंचायत भदौड़ी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा फेल हो गई है। पिछले चार सालों में केवल मात्र पांच लोगों को ही 100 दिन का रोजगार मिल पाया है। जबकि बाकि सैकड़ों मजदूर रोजगार के इंतजार में ही रह गए हैं। मनरेगा मजदूरों की इस अनदेखी से नाराज बीडीसी सदस्य प्रेम सिंह औजला ने बीडीओ हरोली को शिकायतपत्र सौंपा है।
प्रेम सिंह औजला ने बताया कि पंचायत द्वारा मनरेगा कार्यों को रोकने का कारण पंचायत को दो लाख 70 हजार रुपए की रिकवरी होना बताया जा रहा है। जबकि ग्राम पंचायत भदौड़ी द्वारा वर्ष 2021-22 में चार परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया गया। वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 में कोई भी ऐसा परिवार नहीं था जिसको 100 दिन का रोजगार दिया गया हो। वर्ष 2024-25 में सिर्फ एक परिवार को 100 दिन का रोजगार दिया गया। जबकि ग्राम पंचायत भदौड़ी में सैकड़ों परिवार हैं जोकि मनरेगा में कार्य करके 100 दिन का रोजगार प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार बीपीएल चयन प्रक्रिया में ऐसे परिवारों को भी लाभ मिलना था जिन परिवारों के सभी व्यस्क सदस्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत कम से कम 100 दिन काम किया हो। 150 परिवारों को 100 दिन का रोजगार न मिल पाने के कारण बह बीपीएल पात्रता शर्तों को पूरा नहीं कर पाए और बीपीएल का लाभ लेने से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि मनरेगा एक्ट के तहत के तहत बंजर, खड़ेतर व अन्य किस्मों पर भी कार्य किया जा सकता है इन स्थानों पर कार्य करके ग्रामीणों को रोजगार क्यों नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने खंड विकास अधिकारी से कहा कि जो लोग मनरेगा में कार्य करना चाहते हैं उन्हें शीघ्र कार्य उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र ग्राम पंचायत भदौड़ी में मनरेगा अधिनियम के तहत रोजगार नहीं दिया गया तो बह उच्च अधिकारियों और उपमुख्यमंत्री के समक्ष मुद्दा उठाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल