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दरभंगा (बिहार), 07 अगस्त (हि.स.)। बिहार में दरभंगा जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के हरियठ गांव के दो प्रवासी मजदूरों की कुवैत में हुई गैस केमिकल टैंक विस्फोट में मौत से सनसनी फैली हुई है। गुरुवार को जब चार दिन बाद दोनों मृतकों के शव गांव पहुंचे, तो पूरे गांव में मातम छा गया।
जनाजे के दौरान गांव में जन सैलाब उमड़ पड़ा और हर आंख नम थी। मजदूरों के साथ यह हादसा बीते सोमवार को कुवैत की एक कंपनी में कार्यरत रहते वक्त हुआ, जहां दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में 44 वर्षीय मो इमामुद्दीन पिछले उन्नीस वर्षों से कुवैत में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा था। वहीं, दूसरा मृतक 37 वर्षीय मो तौकीर महज़ सात महीने पहले ही कर्ज लेकर पहली बार बेहतर रोजगार की उम्मीद से कुवैत गया था।
परिजनों के अनुसार, इमामुद्दीन ने कुछ ही दिन पहले अपनी पत्नी नगमा प्रवीण से बातचीत में कहा था कि वह चार-पांच महीने बाद लौटकर बड़ी बेटी की शादी करेगा। अब पति की लाश देख नगमा बार-बार मूर्छित हो रही थी और बेसुध होकर कह रही थी, अब बेटी की शादी कैसे होगी?उधर, मो. तौकीर की पत्नी शगुफ्ता प्रवीण भी लगातार रो-रोकर बेहाल थी। वह कहती रही, “कर्ज लेकर गया था गरीबी मिटाने, लेकिन खुदा को पता नहीं क्या मंजूर था।
मृतक इमामुद्दीन के पांच संतान—शगुफ्ता प्रवीण (19), संजीदा प्रवीण (12), इम्तियाजुद्दीन (18), इश्तियाकुद्दीन (14) और सैफुद्दीन (6) अपने पिता की मौत पर चीख-चीख कर रोते रहे। वहीं तौकीर के तीन मासूम बच्चे—मुन्तक़ी (8), मोईउद्दीन (5) और मरियम आरजू (3) भी बिलखते रहे।
गुरुवार को दोनों जनाजे एक साथ उठे तो पूरा गांव ग़मगीन माहौल में डूब गया। नमाजे जनाजा में भारी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। इस हृदयविदारक घटना से हरियठ गांव शोक में डूबा हुआ है। गांव के लोगों ने शासन-प्रशासन से मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा और सहयोग देने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Krishna Mohan Mishra