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पश्चिम सिंहभूम, 7 अगस्त (हि.स.)। जिला स्थित गुवा खदान परियोजना से प्रभावित विस्थापित परिवारों की समस्याओं और अधिकारों को लेकर गुरुवार को जगन्नाथपुर प्रखंड कार्यालय के सभागार में त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कंपनी प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और विस्थापित ग्रामीणों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में जगन्नाथपुर विधायक और सत्तारूढ़ दल के मुख्य उप सचेतक सोनाराम सिंकु मौजूद रहे।
बैठक का उद्देश्य वर्षों से लंबित विस्थापन संबंधी मुद्दों का समाधान निकालना था, लेकिन गहन चर्चा और आरोप-प्रत्यारोपों के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। विस्थापितों ने पुनः निष्पक्ष सर्वे, रोजगार में स्थानीयों की भागीदारी और सभी पात्र परिवारों को सम्मानजनक आवास की मांग एक बार फिर से मजबूती के साथ रखी।
विधायक सोनाराम सिंकु ने बैठक में कहा कि जिन परिवारों को मकान दिए गए हैं, उन आवासों की गुणवत्ता बेहद खराब है। उन्होंने प्रशासन और कंपनी से इस पर जवाब मांगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 2016-17 में किए गए सर्वे में भारी अनियमितता हुई थी। कई योग्य परिवारों को सूची में शामिल नहीं किया गया, जबकि कई ऐसे लोगों को लाभ दिया गया जिनकी जमीन परियोजना से प्रभावित ही नहीं हुई थी। कई पात्र परिवार आज भी आवास और मुआवज़े से वंचित हैं।
ग्रामीणों ने बैठक में साफ चेतावनी दी कि जब तक पुनः निष्पक्ष सर्वे नहीं कराया जाएगा और सभी वास्तविक पात्रों को उनका हक नहीं मिलेगा, वे अपनी जमीन किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी आजीविका, संस्कृति और अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
मौके पर प्रशासन और कंपनी के प्रतिनिधियों ने विस्थापितों की बातों को गंभीरता से सुनने की बात कही, लेकिन न तो कोई आश्वासन मिला और न ही किसी समाधान की घोषणा हुई। इसपर ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ और उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
बैठक में पूर्व सांसद गीता कोड़ा, जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, एसडीओ महेंद्र उरांव, नोवामुंडी और जगन्नाथपुर अंचल अधिकारी देवकी कुमारी सहित कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक