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पूर्वी सिंहभूम, 7 अगस्त (हि.स.)। झारखंड आंदोलन के प्रणेता, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है। गुरुवार को जमशेदपुर के साकची स्थित झामुमो कार्यालय में भावभीनी श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
इस अवसर पर झामुमो के वरिष्ठ नेता प्रमोद लाल, जिलाध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उपस्थित थे। सभा की शुरुआत दिशोम गुरु के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
सभा को संबोधित करते हुए झामुमो के जिला संयोजक बाघराय मार्डी ने कहा कि दिशोम गुरु ने झारखंड राज्य के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने किसानों, मजदूरों और आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई हमेशा मजबूती से लड़ी। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।
पूर्व सांसद सुमन महतो ने कहा कि शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि जनता के नेता थे। उनका जाना झारखंड के हर मजदूर और किसान के लिए व्यक्तिगत क्षति है।
जिला उपाध्यक्ष सागेन पूर्ति ने बताया कि दिशोम गुरु ने किसानों और श्रमिकों को जागरूक करने के लिए पुस्तकें लिखीं और जनजागरण के लिए पद यात्राएं और रथ यात्राएं भी निकालीं। उन्होंने कहा कि झामुमो कार्यकर्ता उनके विचारों और संघर्षों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सभा में अन्य वक्ताओं ने भी दिशोम गुरु की सादगी, संघर्ष और दृढ़ इच्छाशक्ति को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी।
मौके पर सभी कार्यकर्ताओं ने उनके सपनों को साकार करने और उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का संकल्प लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक