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पूर्वी सिंहभूम, 7 अगस्त (हि.स.)। पूर्वी सिंहभूम जिला में विश्व आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या गुरुवार को आनंद मार्ग की ओर से गोगाडीह और आसपास के गांवों में दो दिवसीय पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। पहले दिन लगभग 200 फलदार पौधे निशुल्क वितरित किए गए, साथ ही आदिवासी समाज के बीच बीज बॉल भी बांटे गए।
कार्यक्रम में आनंद मार्ग के स्वयंसेवकों ने स्थानीय ग्रामीणों को बीज बॉल बनाने की विधि सिखाई और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर आनंद मार्ग के प्रतिनिधि सुनील आनंद ने कहा कि आदिवासी समाज ही ऐसा समाज है, जो पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को परिवार का हिस्सा मानता है। वे प्रकृति को ईश्वर के रूप में पूजते हैं और उसी अनुरूप जीवन जीते हैं।
सुनील आनंद ने कहा कि नव्य मानवतावाद का विचार बताता है कि पृथ्वी पर हर जीव-जंतु और पेड़-पौधा भी हमारे परिवार का सदस्य है। जब तक हम प्रकृति को अपनाकर उसके साथ तालमेल नहीं बैठाएंगे, तब तक धरती का कल्याण संभव नहीं।
आनंद मार्ग वर्षों से आदिवासी समुदाय के साथ मिलकर पर्यावरण रक्षा के कार्यों में सक्रिय है और लगातार विभिन्न प्रकार के पौधे वितरित कर रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक