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भागलपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में प्राचार्य नियुक्ति से लेकर पीईटी परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और घोटालों के आरोप सामने आए हैं। इसको लेकर अखिल बिहार छात्र एकता के संयोजक बमबम प्रीत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और जांच की मांग की।
छात्र नेता बमबम प्रीत ने कहा कि विगत तीन वर्षों में विश्वविद्यालय में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं। जिन्हें बार-बार उजागर किया गया लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही बरतने और नियमों की खुलेआम अवहेलना का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्राचार्य नियुक्ति में भारी धांधली हुई है। नियुक्ति प्रक्रिया में केवल चहेते और सिफारिशी उम्मीदवारों को मौका दिया गया,जिनमें डॉ अवधेश रजक और डॉ सत्येंद्र जैसे नाम शामिल हैं। आरोप है कि इनमें से कुछ उम्मीदवार यूजीसी के मानकों को भी पूरा नहीं करते, फिर भी उनकी नियुक्ति कर दी गई। इसके अलावा पीईटी परीक्षा को लेकर भी गंभीर अनियमितताओं की बात कही गई है।
पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. नीरज यादव पर आरोप है कि उन्होंने मूल्यांकन समिति का हिस्सा रहते हुए अपने पुत्र को पास कराने के लिए अंकों में हेराफेरी करवाई। इस प्रकरण की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब में दस्तावेज भेजे जाने की मांग की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि योग्य और मेहनती छात्र-छात्राएं दर-दर भटक रहे हैं, जबकि सिफारिश और पैसे के बल पर नियुक्तियां हो रही हैं। बिना लाइन समाप्त किए टीएनबी कॉलेज भागलपुर में प्रो. दीपो महतो की नियुक्ति को भी नियमों का उल्लंघन बताया गया है। छात्र संगठन ने कुलपति पर सीधी कार्रवाई की मांग करते हुए कई मांगे रखी हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर