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जम्मू, 7 अगस्त (हि.स.)। देशभक्ति, राष्ट्रीय उद्देश्य और जागरूक नागरिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय सेना की टाइगर डिवीजन ने जम्मू विश्वविद्यालय में एक आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ, जिसमें सैकड़ों छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य युवाओं और सेना के बीच संवाद कायम करना और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसी सैन्य कार्रवाइयों की जानकारी देकर राष्ट्रीय एकता और रणनीतिक चेतना को प्रोत्साहित करना था।
कार्यक्रम में टाइगर गनर ब्रिगेड के कमांडर ने ऑपरेशन सिंदूर की रोमांचक जानकारी दी, जो पहलगाम हमले के बाद किया गया एक सटीक आतंकवाद-रोधी अभियान था। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित आतंकी लॉन्चपैड और ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाकर पूरी कार्रवाई को बिना किसी नागरिक हानि के सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह अभियान भारत की संप्रभुता की रक्षा और शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सटीक खुफिया जानकारी, कूटनीतिक समन्वय और रणनीतिक संयम के साथ पूरा हुआ।
अपने भाषण में कमांडर ने आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति, विशेष रूप से रणनीतिक संचार की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से सूचना योद्धा बनने का आह्वान करते हुए झूठे प्रचार और फर्जी खबरों के खिलाफ सत्य आधारित जानकारी साझा करने की अपील की। कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति और प्रभाव पर विस्तृत प्रस्तुति, युवाओं को राष्ट्रीय जिम्मेदारियों के लिए प्रेरित करना, डिजिटल युग में गलत सूचना से लड़ने के उपाय, जागरूक नागरिक भागीदारी के लिए सूचना आधारित समर्थन की अपील शामिल रहा।
यह पहल भारतीय सेना के सिविल-मिलिट्री सहयोग के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के युवाओं में राष्ट्रप्रेम, जागरूकता और एकता की भावना को मजबूत करना है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा