बाउरी सांस्कृतिक बोर्ड में तृणमूल ने किया सांगठनिक फेरबदल
बांकुड़ा, 07 अगस्त (हि.स.)। आगामी विधानसभा चुनाव के तैयारियों के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल बाउरी सांस्कृतिक बोर्ड के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल किया है। जानकारी के अनुसार, प्रभावशाली नेता देवदास बाउरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया
तृणमूल कांग्रेस


बांकुड़ा, 07 अगस्त (हि.स.)। आगामी विधानसभा चुनाव के तैयारियों के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल बाउरी सांस्कृतिक बोर्ड के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा फेरबदल किया है।

जानकारी के अनुसार, प्रभावशाली नेता देवदास बाउरी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह दीपक कुमार दुले को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, बोर्ड के अन्य पदों में भी बदलाव किए गए हैं। इनमें उपाध्यक्ष पद पर देवराज बाउरी और रमा बाउरी के अलावा सामान्य सदस्य के रूप में 14 और लोगों को शामिल किया गया है। इनके नाम इस प्रकार हैं -स्वरूप बाउरी, मनोरंजन बाउरी, पंचानन बाउरी, बासुदेव बाउरी, रतन बाउरी, चित्ता बाउरी, प्रशांत बाउरी, प्रमिला बाउरी, रीता बाउरी, सुभाष बाउरी, रंजीत बाउरी, निर्मल कुमार बाउरी, रवींद्रनाथ बाउरी और सचिन बाउरी।

हाल ही में सेवानिवृत्त हुए देवदास बाउरी कभी बांकुड़ा नगर पालिका के पार्षद थे। लंबे राजनीतिक अनुभव के बावजूद, हाल ही में उन पर कई आरोप लगे हैं। तृणमूल सूत्रों के अनुसार, उन पर आरोप है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से दूरी बना ली है और भाई-भतीजावाद के भी आरोप लगे हैं। इसीलिए अध्यक्ष पद से हटाकर उपाध्यक्ष बनाया गया है। राम बाउरी को बोर्ड का दूसरा उपाध्यक्ष बनाया गया है। देवदास बाउरी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं। दीपक दुले, जिन्हें बाउरी सांस्कृतिक बोर्ड के नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे राजनीति में बिल्कुल नए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, दीपक दुले की साफ-सुथरी छवि और बाउरी समुदाय से गहरा जुड़ाव ही उन्हें इस पद पर नियुक्त करने का कारण है। उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। उनसे न केवल नेतृत्व, बल्कि नाराज समुदाय का विश्वास फिर से हासिल करने की जिम्मेदारी भी अब उनके कंधों पर है।

इसके अलावा बोर्ड में अन्य पदों पर भी बदलाव हुए हैं। देबराज बाउरी और रामा बाउरी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहींं, विपक्ष ने इस फेरबदल की आलोचना करते हुए इसे चुनाव से पहले 'दल-बदल का नाटक' बताया है।

बांकुड़ा के भाजपा जिलाध्यक्ष प्रसेनजीत चटर्जी ने कहा कि तृणमूल चेहरे बदलकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बार जनता जवाब देगी। दूसरी तरफ, माकपा की जिला सचिव देवलीना हेम्ब्रम ने कहा कि यह कदम विकास नहीं, बल्कि चुनाव से पहले गुमराह करने वाली राजनीति है। बाउरी समुदाय की समस्याओं की चिंता किसी को नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गंगा