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कोलकाता, 07 अगस्त (हि. स.)। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) अधिकारियों के नाम एक खुला पत्र जारी कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे ममता बनर्जी के 'घड़ियाली आंसुओं' से प्रभावित न हों और बिना किसी डर या पक्षपात के अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करें।
गुरुवार को लिखें इस पत्र में शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी का चुनाव आयोग द्वारा निर्देशित एफआईआर दर्ज न करने का फैसला सरकारी कर्मचारियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि आई-पैक और उसके सहयोगियों को बचाने के लिए है। उनके अनुसार, आई-पैक से जुड़े लोग डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में चुनावी व्यवस्था में घुसपैठ कर चुके हैं और वर्षों से 'टेक्निकल धांधली' के जरिये फर्जी वोटरों का नाम जोड़ने, हिंदू वोटरों के नाम हटाने और बांग्लादेशी मुसलमानों को मतदाता सूची में शामिल करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव और लंबे समय से उपेक्षा के चलते डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों ने अपने वैधानिक कार्यों से समझौता किया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि ये सारे कार्य ममता बनर्जी और उनके भतीजे के द्वारा अर्जित अवैध संपत्ति से भुगतान पाने वाले प्रतीक जैन और उनके साथियों द्वारा संचालित हो रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, अब समय आ गया है कि अधिकारी अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए राज्य और आने वाली पीढ़ी के भविष्य की रक्षा करें। ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को जेल में बलिदान कर दिया है और अब केवल खुद को और अपने भतीजे को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
पत्र का समापन करते हुए उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे निर्भय होकर कार्य करें और भरोसा जताया कि मां काली ममता की गिरफ़्त से आपको बचाएंगी।
यह पत्र शुभेंदु अधिकारी ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर भी साझा किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय