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हरिद्वार, 7 अगस्त (हि.स.)। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश की पहल पर जनपद हरिद्वार में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु रक्षाबंधन के पूर्व सप्ताह में “सीड राखी कार्यक्रम” संचालित किया जाएगा। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय की “सेट आधारित राज्य” योजना के अंतर्गत संपन्न हो रहा है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य के साथ सामाजिक एवं पर्यावरणीय चेतना को भी जन-जन तक पहुँचाना है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर मैं परामर्श चिकित्सक एवं औषधि निर्माणशाला के प्रभारी डॉ अवनीश उपाध्याय ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 12 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के आसपास स्थित विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं को बीज युक्त (सीड) राखियाँ वितरित की जाएंगी। इन राखियों में तुलसी, नीम, सहजन आदि औषधीय पौधों के बीज होंगे। राखी पर्व के पश्चात इन्हें मिट्टी में बोया जा सकेगा, जिससे पौधा अंकुरित होकर पर्यावरण की सेवा करेगा।
बालिकाओं को राखियों के साथ एक छोटा पौधा लगाने की प्रेरणा दी जाएगी तथा पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण और औषधीय पौधों के महत्व पर संवाद भी आयोजित किया जाएगा। इस पहल से न केवल त्यौहार को अर्थपूर्ण बनाया जाएगा, बल्कि बच्चों में प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना भी विकसित होगी।
डॉ. स्वास्तिक सुरेश ने बताया कि इस कार्यक्रम से जनपद में हजारों पौधों के रोपण की संभावना है, जिससे हरियाली को बढ़ावा मिलेगा और आयुर्वेद की जीवनशैली को जनसाधारण तक पहुँचाने में सहायता मिलेगी। अभियान रक्षा बंधन के पूर्व सप्ताह में संचालित किया जाएगा और जन सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए हरियाली के संकल्प के साथ समापन होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला