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जींद, 7 अगस्त (हि.स.)। डीसी मोहम्मद इमराज रजा ने पेगां गांव की सरपंच रतनी देवी को शामलात भूमि की पट्टा राशि को देरी से जमा कराने के मामले में सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान एसडीएम उचाना को पंचायत का चार्ज बहुमत वाले पंच को सौंपने के निर्देश दिए हैं ताकि गांव के विकास कार्यो में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। पेगां गांव के ग्राम सचिव ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अलेवा को सौंपी रिर्पोट में बताया था कि पेगां गांव की सरपंच रतनी देवी ने शामलात भूमि की कुल पट्टा राशि 16 लाख 81 हजार 300 रूपये में से नौ लाख 76 हजार रुपये की राशि पंचायत खाते में जमा नहीं करवाई है। सरपंच को बार-बार पत्र जारी करने तथा मौखिक आदेश देने के बाद भी शामलात भूमि की पट्टा राशि पंचायत के खाते में जमा नहीं करवाई गई।
मामले को लेकर बीडीपीओ अलेवा ने सरपंच के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था। उसके बाद जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी करके सरपंच को बुलाया गया। निजी सुनवाई के दौरान सरपंच ने बताया कि 18 और 19 मार्च को 45-45 हजार तथा 15 अप्रैल को पांच लाख 72 हजार रुपये जमा करवा दिए। जबकि बीडीपीओ अलेवा की रिर्पोट के अनुसार सात लाख पांच हजार रुपये बकाया हैं। इसके बाद बीडीपीओ अलेवा ने मौखिक रूप से ग्राम पंचायत पेगां को 21 प्रतिशत राशि ब्याज सहित राशि जमा करवाने के निर्देश दिए। जिससे पेगां गांव की पंचायत द्वारा शामलात भूमि की पट्टा बकाया राशि को 21 प्रतिशत ब्याज सहित दो लाख 67 हजार 900 रूपये 17 अप्रैल 2025 को ग्राम पंचायत पेगां के खाते में जमा करवा दिए लेकिन मामले को लेकर इस सरपंच द्वारा रुपये देरी से जमा कराने के मामले मेें डीसी जींद द्वारा पेगां गांव की सरपंच रतनी देवी को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर एसडीएम उचाना को पंचायत का चार्ज बहुमत वाले पंच को सौंपने के आदेश दिए हैंं।
गुरूवार को गांव पेगां की सरपंच रतनी देवी ने बताया कि 2023-24 में यह शामलाती भूमि की बोली नौ लाख 45 हजार रूपये से भी कम थी। साल 2024-25 में पंचायत ने 43 प्रतिशत इजाफे के साथ 16 लाख 81 हजार 300 रुपये कर दी। शामलात भूमि की बोली अप्रैल महीने में होती है और उस समय किसान के पास रुपया नही होता। जबकि नियम कहता है कि बोली के 24 घंटे के अंदर रुपये जमा करवाएं अन्यथा किसान की सिक्योरिटी जब्त हो जाती है। जिसमें एक मामले में पंचायत को एक लाख 15 हजार रूपये का नुकसान हो भी चुका है। उनके द्वारा तो पंचायत को किसी प्रकार का नुकसान नही होने दिया। क्योंकि 21 प्रतिशत ब्याज सहित रूपये जमा करवा चुकी हूं। यह सब राजनीतिक कारणों के चलते टारगेट किया गया है। कमिशनर से अपील की जाएगी। अलेवा ब्लाक में एक भी पंचायत ऐसी नही जिसने 24 घंटे में बोली के रुपये जमा करवाए हों। अगर ऐसा पाया गया तो जो प्रशासन सजा देगा उससे मंजूर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा