भारत की समृद्ध हस्तकरघा परम्परा को सम्मान व युवा पीढ़ी में जागरूकता ही मुख्य उद्देश्य : डॉ. इति दूबे
कानपुर, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय स्थित ''वस्त्र एवं परिधान'' विभाग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य भारत क
भारत की समृद्ध हस्तकरघा परंपरा का स्लोगन प्रदर्शित करती छात्राएं


कानपुर, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय स्थित 'वस्त्र एवं परिधान' विभाग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य भारत की समृद्ध हस्तकरघा परम्परा को सम्मान देना तथा युवा पीढ़ी में इसके प्रति जागरूकता एवं गौरव की भावना विकसित करना रहा। यह बातें गुरूवार को विभाग की शिक्षिका डॉ. इति दूबे ने कही

डॉ. इति दूबे ने बताया कि इस अवसर पर छात्राओं ने हथकरघा उत्पादों की सौंदर्यता और सांस्कृतिक महत्ता को रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने हथकरघा की उपयोगिता, स्वदेशी वस्त्रों की विशेषता एवं आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को प्रभावशाली शब्दों में अभिव्यक्त किया। उनके विचारों में न केवल रचनात्मकता झलकी, बल्कि देशभक्ति और हस्तकला संरक्षण का मजबूत संदेश भी निहित था।

विभाग की शिक्षिका डॉ. इति दूबे ने हथकरघा, चरखा एवं विभिन्न हैंडलूम उत्पादों को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग की प्रभारी डॉ. अर्चना सिंह के निर्देशन में हुआ। इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. सीमा सोनकर ने अपनी उपस्थिति से छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने छात्राओं की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्राओं की कला, अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास को निखारने में सहायक होते हैं। साथ ही विभाग की शिक्षिकाएँ डॉ. एकता शर्मा, डॉ. ऋतु पांडे तथा महाविद्यालय के अन्य विभागों की शिक्षिकाएँ डॉ. रश्मि सिंह, डॉ. विनीता सिंह, डॉ. संघमित्रा महापात्र एवं अन्य सभी शिक्षिकाओं ने भी सक्रिय सहभागिता निभाई और छात्राओं को प्रोत्साहित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद