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जम्मू, 7 अगस्त (हि.स.)। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं स्टेट अवॉर्डी महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्षाबंधन का पावन पर्व इस वर्ष 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। महंत शास्त्री के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 02:13 बजे प्रारंभ होकर 9 अगस्त, शुक्रवार को दोपहर 01:25 बजे समाप्त होगी। चूंकि 9 अगस्त को सूर्योदय व्यापिनी पूर्णिमा है, अतः रक्षाबंधन का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। राहुकाल सुबह 09:06 से 10:46 बजे तक रहेगा। अतः इस अवधि को छोड़कर पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।
महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक है, जिससे पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है। उन्होंने यह भी अपील की कि इस वर्ष 'मेड इन इंडिया' राखियों का ही उपयोग करें और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें।
इस दिन बहन सर्वप्रथम भाई को तिलक लगाए, आरती करे और अक्षत अर्पित करे, तत्पश्चात दाहिनी कलाई पर राखी बांधे और भाई का पूजन करें, भाई को मिठाई खिलाएं, फिर भाई बहन के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ले, भाई बहन को उपहार भेंट करें, यह संपूर्ण प्रक्रिया उपवास रखकर संपन्न करना श्रेष्ठ माना गया है। यदि भाई-बहन एक स्थान पर उपस्थित न हो सकें तो बहन भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को राखी बांधकर पूजा करें और भाई की मंगलकामना करें। भाई भी राखी को भगवान से स्पर्श कर रक्षा का संकल्प लें। इस प्रकार श्रद्धा से किया गया प्रतीकात्मक राखी बंधन भी उतना ही फलदायी होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा