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नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और पर्यावरण संरक्षण के लिए राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (एनएपीसीसी) के तहत व्यापक प्रयास तेज कर दिए हैं। राज्यसभा में गुरुवार को एक सवाल के जवाब में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि सरकार जलवायु संबंधी अपने लक्ष्यों को लेकर प्रतिबद्ध है और विभिन्न मंत्रालयों के सहयोग से संबंधित योजनाएं जारी हैं।
मंत्री ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए तैयार 9 राष्ट्रीय मिशन, दीर्घकालिक रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2020-21 के बजट के अनुसार, इन योजनाओं का क्रियान्वयन संबंधित मंत्रालयों द्वारा अपने नियमित बजटीय प्रावधानों के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सीएएमपीए (क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) के तहत पिछले तीन वर्षों में राज्यों को 23,353.96 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। सबसे अधिक राशि मध्य प्रदेश (3,359 करोड़ रुपये), ओडिशा (3,252 करोड़ रुपये) और छत्तीसगढ़ (1,561 करोड़ रुपये) को मिली है।
इस योजना के तहत राज्यों द्वारा तैयार की गई वार्षिक कार्य योजनाओं को मंजूरी दी जाती है, जिसमें वन क्षेत्र के विस्तार, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए जरूरी गतिविधियों को शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत 130 शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में ठोस कार्रवाई की गई है। इस कार्यक्रम के लिए अब तक 13,036.52 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की गई है।
एनसीएपी के अंतर्गत 130 शहरों द्वारा की गई केंद्रित कार्रवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इनमें से 103 शहरों में 2017-18 की तुलना में 2024-25 में पीएम10 स्तर में कमी देखी गई है। इनमें से 64 शहरों में पीएम10 के स्तर में 20 प्रतिशत से अधिक की कमी देखी गई है और इनमें से 25 शहरों में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है। 22 शहरों ने राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को प्राप्त कर लिया और इनमें पीएम10 सांद्रता 60 यूजी/एम3 से कम है। इनमें आंध्र प्रदेश के 7 (अनंतपुर, चित्तूर, कडपा, कुरनूल, नेल्लोर, ओंगोल, राजमुहंडरी), हिमाचल प्रदेश के 3 (डमटाल, परवाणू, सुंदर नगर), तमिलनाडु के 3 (चेन्नई, त्रिची, तूतीकोरिन), उत्तर प्रदेश के 3 (बरेली, झांसी, वाराणसी), असम के 2 (सिलचर, शिवसागर), कर्नाटक के 2 (देवनगेरे, गुलबर्गा/कलबुर्गी) और पंजाब के 2 (डेरा बाबा नानक, नया नंगल) जैसे शहर शामिल हैं।
एनसीएपी के तहत कार्यान्वयन के लिए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), अमृत, स्मार्ट सिटी मिशन, पीएम ई-बस सेवा, एसएटीएटी और नगर वन योजना जैसी अन्य योजनाओं के साथ संसाधनों का समन्वय किया गया है। इससे शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधार में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार