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नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा को लेकर भारत सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्यसभा में गुरुवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षों (2020-2024) के दौरान कनाडा में कुल 1,203 भारतीय नागरिकों की मृत्यु हुई है।
राज्यसभा में संत बलबीर सिंह के प्रश्न के लिखित जवाब में कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि इन मौतों में अधिकांश प्राकृतिक कारणों जैसे वृद्धावस्था और बीमारियों के चलते हुईं। हालांकि, कुछ मामलों में अप्राकृतिक कारणों जैसे दुर्घटना, हिंसा, आत्महत्या और हत्या के मामले भी सामने आए हैं।
वर्षवार आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2020 में मृतकों की संख्या 120 थी। वर्ष 2021 में 160, 2022 में 198, 2023 में 336 और 2024 में मृतकों का आंकड़ा 389 था।
विदेश राज्यमंत्री के अनुसार, इस अवधि के दौरान कनाडा से कुल 757 भारतीयों के पार्थिव शरीर या अस्थियों को भारत लाने में भारतीय मिशनों ने सहायता प्रदान की है। प्रत्येक मामले में भारतीय मिशन स्थानीय अधिकारियों और मृतक के परिजनों के संपर्क में रहते हैं, ताकि स्थानीय नियमों के अनुसार दाह-संस्कार अथवा शव को भारत भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
उन्होंने बताया कि सरकार ने इस दिशा में सुनियोजित मानक संचालन प्रक्रिया विकसित की है, जिसके तहत विदेशी धरती पर भारतीयों की मृत्यु के बाद त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। खासकर अप्राकृतिक मौतों के मामलों में स्थानीय जांच प्रक्रिया लंबी होने के कारण शव भेजने में अधिक समय लग सकता है। भारतीय समुदाय कल्याण कोष के माध्यम से जरुरतमंद मामलों में आर्थिक सहायता भी दी जाती है, जिसमें शवों की भारत में वापसी का खर्च भी शामिल है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि शहर या प्रांतवार मौतों के आंकड़े नहीं रखे जाते, फिर भी हर मामले में पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाता है और भारतीय मिशन 24x7 सक्रिय रहते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार