राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर विरोध दूसरे दिन भी जारी, जमा कराई गाड़ियां
भोपाल, 7 अगस्त (हि.स.)। राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर गुरुवार को भी विरोध जारी रहा। गुरुवार सुबह सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार एकसाथ कलेक्टोरेट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गाड़ियाें की चाबियां सौंप दी। इससे पहले बुधवार काे भ
भोपाल में राजस्व अधिकारियों ने गाड़ियां वापस कर दी।


भोपाल, 7 अगस्त (हि.स.)। राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर गुरुवार को भी विरोध जारी रहा। गुरुवार सुबह सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार एकसाथ कलेक्टोरेट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गाड़ियाें की चाबियां सौंप दी। इससे पहले बुधवार काे भी राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक विभाजन को लेकर भोपाल सहित पूरे एमपी में विरोध हुआ था। यह अगले तीन दिन तक जारी रहेगा। तहसीलदार और नायब तहसीलदार आपदा प्रबंधन को छोड़ अन्य कोई काम नहीं करेंगे।

भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया गया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं। बुधवार को कोर्ट समेत अन्य काम उन्होंने नहीं किए थे। गुरुवार को भी ऐसी ही स्थिति है। इस वजह से आमजनों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो रही तो जनता से जुड़े काम भी अटक रहे हैं।

इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है।

विरोध के चलते बुधवार को ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा था कि यह कैबिनेट का निर्णय है। प्रोटोकॉल और न्यायालयीन प्रक्रिया में पहले बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के लिए व्यवस्था नहीं की है। कुछ के लिए ही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे