पानीपत के विजय गाहल्याण ने राज्यस्तरीय भाला फेंक प्रतियोगिता में जीता स्वर्ण पदक
पानीपत, 7 अगस्त (हि.स.)। पानीपत के गांव आट्टा के लाल, विजय गाहल्याण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि असली चैंपियन वो होता है जो हालातों से नहीं, हौसलों से चलता है। चोटिल होने के बावजूद विजय ने सफलता हासिल की है। ओलंपिक में स्वर्म पदक जीतने वाले पानीप
प्रदेश स्तरीय भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पानीपत के विजय गाहल्याण लेफ्ट से तीसरे नंबर पर


पानीपत, 7 अगस्त (हि.स.)। पानीपत के गांव आट्टा के लाल, विजय गाहल्याण ने एक बार फिर साबित कर दिया कि असली चैंपियन वो होता है जो हालातों से नहीं, हौसलों से चलता है। चोटिल होने के बावजूद विजय ने सफलता हासिल की है।

ओलंपिक में स्वर्म पदक जीतने वाले पानीपत के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा की सफलता को लेकर चंडीगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा वीरवार को आयोजित राज्यस्तरीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में विजय गाहल्याण ने स्वर्ण पदक जीता। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग में सहायक मैनेजर (पीआर) के पद पर कार्यरत विजय गाहल्याण पहले भी राज्य व राष्ट्रीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 18 से ज्यादा पदक जीत चुके हैं।

खेल उपलब्धि के लिए उनको शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा, राज्य खेल मंत्री श्री गौरव गौतम, जिला प्रशासन पानीपत व कई खेल व सामाजिक संगठन सम्मानित कर चुके हैं। विजय की मेहनत का गवाह है पानीपत का शिवाजी स्टेडियम और पंचकूला का ताऊ देवीलाल स्टेडियम, जहां वो नियमित अभ्यास करते हैं। विजय ने बताया कि वे ड्यूटी खत्म करने के बाद समय मिलने पर जैवलिन थ्रो का अभ्यास करते हैं। अब उनका लक्ष्य राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्म पदक जीतने का है। इसके लिए वे और ज्यादा कड़ा अभ्यास करेंगे।

विजय गाहल्याण ने अपनी जीत का श्रेय उन्होंने अपने कोच, परिवार, दोस्तों और पूरे आट्टा गांव को दिया है। विजय गाहल्याण पूर्व में क्राइम रिपोर्ट भी रह चुके है और एक राष्ट्रीय अखबार में ब्यूरो प्रमुख भी रह चुके है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा