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जम्मू, 7 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर देश भर की बहनों से चीनी राखियों का बहिष्कार करने और स्वदेशी भारत निर्मित राखियों को अपनाने की अपील की जाती है। यह कदम न केवल इस त्यौहार को और अधिक सार्थक बनाएगा, बल्कि 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे राष्ट्रीय अभियानों को भी मज़बूत करेगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जम्मू और कश्मीर की महासचिव संजीता डोगरा ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक बैठक के दौरान पार्टी की प्रमुख महिला सदस्यों से इस परंपरा को अपनाने का आग्रह किया।
संजीता डोगरा ने कहा कि हर साल चीन से आने वाली सस्ती राखियाँ भारतीय बाज़ारों में भारी मात्रा में आती हैं। हालाँकि उनके आकर्षक डिज़ाइन लोगों को आकर्षित कर सकते हैं लेकिन वे अक्सर घटिया गुणवत्ता की होती हैं और स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के लिए हानिकारक होती हैं। इसके विपरीत भारत के विभिन्न राज्यों के कारीगर सुंदर राखियाँ बनाते हैं जो हमारी कला, संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने से घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और लाखों परिवारों की आजीविका सुरक्षित होगी। इससे देश की पारंपरिक कला और शिल्प को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।
भारत में बनी राखियाँ खरीदने से विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम होगी और देश की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी।
इस रक्षाबंधन पर जब बहनें अपने भाइयों की कलाई पर भारत में बनी राखियाँ बाँधेंगी तो यह न केवल प्रेम का प्रतीक होगा बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मज़बूत कदम भी होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता