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रायगढ़, 7 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित जिंदल समूह के संस्थापक ओमप्रकाश जिंदल की 95वीं जयंती गुरूवार को धूमधाम से मनाई गई। जिंदल की प्रतिमा पर आदरांजलि देने के साथ सुबह शुरू हुए कार्यक्रम देर शाम तक जारी रहा। किरोड़ीमल नगर में विशाल स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने निशुल्क जांच, उपचार एवं दवाइयों का लाभ उठाया। इसके अलावा शहर और आसपास के सभी वृद्धाश्रमों, अनाथालयों और ऐसी सभी संस्थाओं में भोजन की व्यवस्था के साथ उनकी जरूरत के अनुरूप सामग्री उपलब्ध कराई गई। जिंदल आशा के विशेष बच्चों ने भी उत्साह के साथ श्री जिंदल का जन्मदिन मनाया। मुख्य समारोह में कोसमपाली गांव के बच्चों ने भी शानदार प्रस्तुति से सभी का मन जीत लिया।
ओमप्रकाश जिंदल के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की शुरूआत जिंदल स्टील परिसर में सेंट्रल बैरियर के पास सुबह 8 बजे हुई। यहां महापौर जीवर्धन चौहान, एमआईसी सदस्य पूनम सोलंकी, नगर पंचायत किरोड़ीमल नगर के अध्यक्ष हरिकिशोर चंद्रा, पूर्व विधायक चैन सिंह सामले सहित अन्य अतिथियों के साथ कार्यपालन निदेशक सब्यसाची बंद्योपाध्याय एवं कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने जिंदल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। ग्राम कोसमपाली की बालिकाओं द्वारा नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के दौरान महापौर चौहान ने बाबूजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन और कार्यों को रायगढ़ सहित राष्ट्र के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि जिंदल एक दूरदर्शी उद्योगपति ही नहीं, बल्कि सच्चे राष्ट्रभक्त और समाजसेवी थे, जिन्होंने अपने विचारों और कार्यों से रायगढ़ को ‘उद्योग नगरी’ के रूप में पहचान दिलाई। महापौर चौहान ने कहा कि बाबूजी ने न केवल इस्पात और ऊर्जा क्षेत्र में भारत को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि रायगढ़ की धरती पर औद्योगिक विकास की मजबूत नींव रखी। इससे हज़ारों लोगों को रोजगार मिला और क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का भी विस्तार हुआ। उन्होंने कहा “स्वर्गीय जिंदल का जीवन यह सिखाता है कि परिश्रम, ईमानदारी और राष्ट्र प्रेम से किया गया कार्य न केवल व्यक्ति को ऊँचाइयों तक पहुँचाता है, बल्कि पूरे समाज को आगे बढ़ाता है।
कार्यपालन निदेशक बंद्योपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘किसान से सफल उद्योगपति का सफर तय करने वाले बाबूजी ने जिंदगी की हर कसौटी पर खरा उतरते हुए कर्मयोगी सा जीवन बिताया। उनका जीवन सारे समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है। शून्य से शिखर तक का उनका सफर असाधारण था। जीवन के हर क्षेत्र में उन्होंने मिसाल कायम की, लेकिन उनकी सबसे बड़ी विशेषता, उनका सरल स्वभाव था। सफलता की बुलंदियों को छूने के बाद भी उनके पांव हमेशा जमीन से ही जुड़े रहे। जीवन में सरल होना, सबसे कठिन है और यह कठिन काम उन्होंने पूरी जिंदगी, बड़ी सरलता से किया।’ स्वागत उद्बोधन एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट संजीव चौहान ने दिया। उन्होंने सभी उपस्थितों का स्वागत करते हुए कहा कि ‘बाबूजी ओपी जिंदल द्वारा रोपा गया बीज आज वटवृक्ष के रूप में पूरे अंचल को छाया दे रहा है। हजारों परिवारों को इससे प्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों परिवारों की आजीविका जिंदल समूह से जुड़ी हुई है।’ इस दौरान जिंदल स्टील परिवार के सदस्यों के साथ शहर और गांवों से आए गणमान्य नागरिक, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान