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हावड़ा, 7 अगस्त (हि.स.) । हर साल मानसून के दौरान बाढ़ की चपेट में आने वाले हावड़ा जिले के उदयनारायणपुर और आमता ब्लॉक में इस वर्ष बाढ़ नहीं आने से स्थानीय लोगों में आश्चर्य और राहत दोनों है। बरसों से दामोदर वैली कॉरपोरेशन द्वारा छोड़े गए पानी के कारण इन इलाकों में नियमित रूप से हर साल बाढ़ आती रही है। लेकिन इस बार स्थिति पूरी तरह से बदली हुई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष उदयनारायणपुर के कई इलाकों में दामोदर नदी के तटबंध टूट जाने से हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई थी। दर्जनों मकान बह गए थे और कई लकड़ी के पुल भी ध्वस्त हो गए थे। लेकिन इस बार, जब पास के हुगली जिले के खानाकुल और आरामबाग क्षेत्र बाढ़ की चपेट में हैं, तब उदयनारायणपुर और आमता पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
सिचाई विभाग के इंजीनियरों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षो में विश्व बैंक की सहायता से निम्न दामोदर क्षेत्र का व्यापक मरम्मत कार्य किया गया है। नदियों के तटबंधों को ऊंचा किया गया, जिससे जलधारण क्षमता में अच्छी वृद्धि हुई है। हुगली की तुलना में हावड़ा क्षेत्र में यह कार्य और भी प्रभावी ढंग से हुआ है, जिसका सीधा लाभ इस साल इन इलाकों को मिला है।
आंकड़ों के अनुसार, पहले जब डीवीसी के जलाशय से 70 हजार से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था, तब ही उदयनारायणपुर में बाढ़ आ जाया करती थी। अब यह क्षमता बढ़कर 1.5 लाख क्यूसेक तक हो गई है। इसके साथ ही दामोदर से जुड़े नहरों और खालों की भी सफाई और मरम्मत की गई है, जिससे जल निकासी में सुधार हुआ व्यापक स्तर पर हुआ है।
बाढ़ से स्थायी समाधान के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ वर्ष पहले एक मेगा परियोजना की शुरुआत की थी। विश्व बैंक की आर्थिक सहायता से करीब 2,900 करोड़ रुपये की लागत से हावड़ा, हुगली और बर्दवान जिलों में बहने वाली दामोदर नदी की ड्रेजिंग (पलिनिकासी) के साथ-साथ कई क्षेत्रों में कंक्रीट के तटबंध बनाए गए।
सिचाई विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि अब इन योजनाओं का असर दिखना शुरू हो गया है। उदयनारायणपुर के विधायक समीर पांजा ने कहा है कि बरसात का मतलब उदयनारायणपुर में बाढ़, यह एक परंपरा बन गई थी। लेकिन तृणमूल सरकार के आने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे बदलने का संकल्प लिया और अब उसका प्रतिफल जनता को मिल रहा है। इसके लिए क्षेत्रवासी मुख्यमंत्री के आभारी हैं।
उदयनारायणपुर पंचायत समिति के अध्यक्ष कल्याण गायेन और सह-अध्यक्ष लक्ष्मीकांत दास ने बताया कि राज्य सरकार की योजना के तहत हमने नदी से जुड़ी खालों की बड़े पैमाने पर सफाई और पुनरुद्धार कराया है। इसी वजह से अब नदी का पानी आसानी से निकल जा रहा है और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं हो रही है।
इस बार बाढ़ से राहत को सरकार और स्थानीय प्रशासन की दीर्घकालिक योजनाओं और सतत प्रयासों का परिणाम माना जा रहा है, जिससे वर्षो की समस्या से क्षेत्रवासियों को राहत मिली है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय