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मीरजापुर, 07 अगस्त (हि.स.)। चुनार क्षेत्र के ईश्वरपट्टी गांव के 15 वर्षीय नीतेश निषाद ने बेंगलुरु के वासुगुड़ी में आयोजित नेशनल सब-जूनियर तैराकी प्रतियोगिता में 200 मीटर आईएम रिले में स्वर्ण पदक जीतकर जनपद व प्रदेश का नाम रोशन किया है। नीतेश की यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय बन गई है।
गंगा नदी में तैरते-तैरते अपने तैराकी सफर की शुरुआत करने वाले नीतेश ने बताया कि उन्होंने कभी किसी औपचारिक प्रशिक्षण केंद्र में तैराकी नहीं सीखी। मां गंगा ही मेरी पहली कोच रहीं। वर्तमान में श्री शिवाजी नेशनल इंटर कॉलेज, हासीपुर में कक्षा 9 के छात्र हैं। नीतेश की टीम में राज यादव, अविनाश निषाद और अंश प्रताप सिंह भी शामिल थे, जिन्होंने मिलकर शानदार प्रदर्शन किया और रिले में जीत हासिल की।
इससे पहले, लखनऊ में आयोजित प्रदेश स्तरीय सब-जूनियर प्रतियोगिता में भी नीतेश ने दो रिकॉर्ड बनाते हुए दो स्वर्ण पदक जीते थे—200 मीटर आईएम में 2.41 मिनट और 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक में 1.23 मिनट में दूरी तय की। नीतेश के पिता नंदलाल निषाद खुद भी राष्ट्रीय स्तर के तैराक रह चुके हैं और तीन बार स्कूल नेशनल चैम्पियन रहे हैं। वर्तमान में वे बनारस डीजल रेल कारखाना में कार्यरत हैं। नीतेश ने अपने पिता को ही अपना आदर्श बताया और कहा कि वह उनके अधूरे ख्वाब को पूरा करना चाहते हैं।
नीतेश की सफलता के पीछे उनके विद्यालय के प्रधानाचार्य विवेकानंद त्रिवेदी और खेल शिक्षक भूपेंद्र सिंह का भी अहम योगदान रहा है। दोनों ने समय-समय पर मार्गदर्शन और प्रोत्साहन देकर नीतेश को आगे बढ़ने में मदद की। नीतेश का अगला लक्ष्य ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। उन्होंने कहा कि अब सपना है कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक जीतूं। इस संघर्ष से मिली जीत ने साबित कर दिया है कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे शुरुआत गंगा किनारे से ही क्यों न हो।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा