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अस्पताल आने वाली माताओं को स्तनपान कराने में होगी सहूलियत
लखनऊ, 7 अगस्त (हि.स.)। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने की दिशा में एक और पहल करते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शहीद पथ स्थित राम प्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु रेफरल अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में गुरुवार को तीन बेबी फीडिंग रूम का शुभारम्भ किया गया। विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में हिमालय बेबीकेयर के सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी) के सहयोग से स्थापित बेबी फीडिंग रूम का उद्घाटन निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने फीता काटकर किया। इस सुविधा के शुरू होने से यहां आने वाली प्रत्येक मां को अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए एक निजी, सुरक्षित और आरामदायक स्थान उपलब्ध होगा और बच्चों को भी जरूरी पोषण मिलेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. सिंह ने कहा कि स्तनपान कक्ष केवल एक जगह नहीं है, यह संदेश है कि एक स्वास्थ्य संस्थान के रूप में, हम माताओं और शिशुओं की ज़रूरतों का गहराई से ध्यान रखते हैं। उन्हाेंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विश्व स्तनपान सप्ताह स्तनपान के जीवन रक्षक लाभों को बढ़ावा देने और व्यवहार परिवर्तन लाने का एक सशक्त अवसर है। उन्होंने कहा कि व्यवहार बदलने के लिए स्तनपान से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को भी दूर करना होगा जिसके लिए स्पष्ट और बार-बार संवाद की ज़रूरत है। यह अस्पतालों के साथ-साथ अन्य हितधारकों की भी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। प्रो. सिंह ने अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, बाल रोग विभाग और सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओर से इस दिशा में किये जा रह प्रयासों को सराहा।
अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीतू सिंह ने कहा कि ओपीडी में बड़ी संख्या में धात्री महिलाएं आती हैं, उन्हें स्तनपान कराने के लिए निजी एवं सुरक्षित स्थान की जरूरत होती है। इसी उद्देश्य के साथ यहां तीन बेबी फीडिंग कॉर्नर बनाए गए हैं। अब महिलाओं को स्तनपान कराने में कोई झिझक महसूस नहीं होगी। सभी को यह जानना ज़रूरी है कि स्तनपान बच्चे और मां दोनों के लिए महत्वपूर्ण और फायदेमंद है। बच्चे के लिए मां का दूध सम्पूर्ण आहार होता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जो बच्चे छह माह तक केवल स्तनपान करते हैं उन्हें भविष्य में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारी आदि होने की सम्भावना कम होती है। स्तनपान को बढ़ावा देने का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्युदर में सुधार लाना है।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन