मंडी के इलाका उत्तरशाल की सेगली में पहाड़ी धंसी, कैल और बान के पेड़ मलबे के साथ गिरे
मंडी, 07 अगस्त (हि.स.)। मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित उतरशाल इलाका की ग्राम पंचायत सेगली में पहाड़ी धंसने से भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया है। कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से जमीन दलदली हो जाने की वजह से सेगली के नन्हणी जंगल की
सेगली के नन्हणी जंगल में धंस रही पहाड़ी।


मंडी, 07 अगस्त (हि.स.)। मंडी जिला के द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित उतरशाल इलाका की ग्राम पंचायत सेगली में पहाड़ी धंसने से भारी मात्रा में मलबा नीचे आ गया है। कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से जमीन दलदली हो जाने की वजह से सेगली के नन्हणी जंगल की पहाड़ी पेड़ों के समेत उखड़ कर नीचे आ गई है।

लोगों का कहना है कि वीरवार सुबह बिना बारिश के ही पहाड़ी से मलबा गिरने लगा, इसके बाद देखते ही देखते पूरी पहाड़ी कैल और बान के विशालकाय पेड़ों के साथ खिसक कर नीचे की ओर गिरने लगे। ऐसा लग रहा था कि पेड़ स्वयं चल कर नीचे की ओर आ रहे हों।

स्थानीय निवासी बालक राम ने बताया कि सेगली पंचायत में मंडाह गांव के सामने की पहाड़ी में करीब पचीस मीटर चौड़ी और करीब सौ मीटर लंबी पहाड़ी जैसे उखड़ कर नीचे गिर गई है। जिसके साथ कैल और बान के लगभग साठ पेड़ भी उखड़ कर नीचे आ गए हैं।

गौर तलब है कि सेगली नाले के साथ ही दूसरी ओर पराशर की पहाड़ी भी पिछले कई सालों से धंसती जा रही है। बरसात के मौसम में हर साल इस पहाड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा टूटकर नाले में बाढ़ के रूप में बह जाता है। जिससे यहां सेगली बाजार और लोगों के घर स्कूल और जमीनें बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। इसी पहाड़ी के दूसरी ओर से भूमि का यह कटाव खतरनाक संकेत है। जहां से यह पहाड़ी धंसी है उससे ऊपर शिल्ह गांव है जहां अनुसूचित जाति के लोगों के करीब आधा दर्जन से अधिक मकान भी हैं। आज के पहाड़ी धंसाव से अभी उन्हें खतरा नहीं है। लेकिन अगर यह सिलिसला जारी रहा तो आने वाले सालों में इस गांव के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा