Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
धर्मशाला, 07 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के कर्मचारियों के लिए स्किल डिवेलमेंट प्लान या मैन पावर डेवलपमेंट प्रोग्राम के आयोजन में सहयोग करेगा। इसी संबंध में वीरवार को कुलपति सचिवालय में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों में कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल, कुलसचिव प्रो. नरेंद्र सांख्यान, अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार, निदेशक पर्यटन प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ मौजूद रहे। वहीं एचपीटीडीसी के एमडी (आईएएस) राजीव के अलावा कैलाश ठाकुर, एजीएम धर्मशाला सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
समझौता ज्ञापन के अनुसार एचपीटीडीसी के जो स्किल डेवलपमेंट प्लान या मैन पावर डेवलपमेंट प्रोग्राम हैं वहां के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण के साथ ही डीपीआर प्रोजेक्ट बनाने के कार्यों में सहयोग करेंगे। इसके अलावा एमबीए टूरिज्म के जो विद्यार्थी हैं वो इंटर्न के तौर पर एचपीटीडीसी के होटलों में काम करें और होटल मार्केटिंग को सीखें और आगे बढ़ाएं।
वहीं कुलपति प्रो. बंसल ने इस समझौता ज्ञापन को लेकर एचपीटीडीसी के होटलों में विश्वविद्यालय में आने वाले अतिथियों को ठहराया जाता है तो उन्हें इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद डिस्काउंट रेट पर कमरे मिल पाएंगे। भोजन में भी छूट का प्रावधान रहेगा। वहीं इसी सत्र से विश्वविद्यालय में होटल मैनेजमेंट का कोर्स शुरू हो रहा है तो उसमें जो विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करेंगे, उनके प्रेक्टिकल खनियारा स्थित एचपीटीडीसी का जो होटल मैनेजमेंट का प्रशिक्षण केंद्र है वहां पर कार्य करने और सीखने की सुविधा प्रदान की जाएगी। उनके ट्रनिंग प्रोग्राम विश्वविद्यालय आयोजित करेगा। टूरिस्ट गाइड के प्रोग्राम भी शामिल होंगे।
वहीं एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक राजीव के अनुसार टूरिस्ट गाइड के प्रोग्राम के संबंध में राज्य सरकार के स्टेट टूरिज्म डिपार्टमेंट से भी बात की जाएगी। जिससे लाइसेंस संबंधित दिक्कत न आए। उन्होंने इस समझौता ज्ञापन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि निश्चित रूप से इस समझौता ज्ञापन का काफी लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय एक शिक्षण संस्थान है और यहां पर पर्यटन के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं और उनकी मदद से एचपीटीडीसी के साथ प्रदेश का पर्यटन विभाग नए मुकाम हासिल कर सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया