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धर्मशाला, 07 अगस्त (हि.स.)। पूर्व मंत्री एवं जसवां-प्रागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने एक बार फिर ऊना जिले के पेखुवाला क्षेत्र में स्थापित सोलर पावर प्रोजेक्ट को लेकर सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वीरवार को वीरवार को देहरा के ढलियारा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम का यह प्रयास अब एक “घोटालों की प्रयोगशाला” बन चुका है, जिसकी गूंज अब पूरे प्रदेश में होनी चाहिए।
बिक्रम ठाकुर ने खुलासा किया कि यह प्रोजेक्ट मात्र 15 दिन में बनी डीपीआर पर आधारित था, जिसकी लागत करीब 100 करोड़ रुपये आंकी गई थी, मगर अब तक इस पर 240 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 99 प्रतिशत भुगतान पहले ही कर डाला है, जबकि धरातल पर प्रोजेक्ट की स्थिति दयनीय है।
उन्होंने बताया कि यह पूरा क्षेत्र वाटर प्रोन जोन में आता है, जहां कम से कम 356 मीटर की एलिवेशन जरूरी थी, लेकिन इसके बावजूद शून्य फाइलिंग कर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। ड्रेनेज सिस्टम का कोई प्रावधान नहीं किया गया, जिससे बीते 2 अगस्त की भारी बारिश में पूरा प्रोजेक्ट जलमग्न हो गया और मशीनरी पूरी तरह ठप पड़ गई।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि प्रोजेक्ट में लगी 10 में से 4 इनवर्टर पहले ही खराब हो चुके हैं, जबकि कंपनी को आठ वर्षों तक इसका रखरखाव करना था। यह तकनीकी लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया प्रशासनिक अपराध है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया