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-नशा मुक्ति अभियान से जुड़ कर करें नशे पर वार : सीजेएम
जींद, 7 अगस्त (हि.स.)। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) मोनिका ने गुरुवार को जींद के नागरिक अस्पताल में स्थित नशा मुक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नशे की परिभाषा, प्रकार, प्रतिबंधित पदार्थों, और चेतावनी युक्त नशे पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में 1985 से लागू नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत नशे से संबंधित अपराधों को अमानवीय माना जाता है और इसमें कठोर दंड का प्रावधान है।
प्राधिकरण सचिव ने केंद्र में रह रहे व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए उनके रहने-सहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्राधिकरण सचिव ने निर्देश दिए कि व्यक्तियों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी लापरवाही ना की जाए।
सीजेएम ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, कानूनी जानकारी के लिए नालसा पोर्टल (nalsa.gov.in) और राष्ट्रीय विधिक सहायता हेल्पलाइन नंबर 15100 उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि आगामी 13 सितम्बर 2025 को न्यायिक परिसर जींद, नरवाना व सफीदों में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाएगी तथा प्रत्येक कार्य दिवस को स्पेशल लोक अदालत लगाई जाती है। प्राधिकरण सचिव ने उपस्थित लोगों को बताया कि सड़क पर सुरक्षित यात्रा के लिए यातायात नियमों का पालन करना जरूरी है। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना और गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। नशे में वाहन चलाना कानूनी अपराध हैं जिससे दुर्घटना होने का भी अंदेशा रहता है। पैदल यात्रियों को जेबरा क्रॉसिंग का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह ध्यान भटकाने का कारण बनता है। इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र में पांच उपचाराधीन व्यक्ति उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा