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कटिहार, 07 अगस्त (हि.स.)। जीविका कटिहार द्वारा चार दिवसीय जेंडर इंटीग्रेशन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज एवं अररिया से आए जिला एवं प्रखंड स्तरीय कर्मी एवं प्रखंड संसाधन सेवी शामिल हुए। इस प्रशिक्षण में कुल 44 प्रशिक्षु शामिल हुए।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को लैंगिक भेदभाव, जेंडर आधारित मुद्दों, बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न तथा दीदी अधिकार केंद्र की कार्यप्रणाली को लेकर बेहतर समझ पैदा करना है। दीदी अधिकार केंद्र जीविका की एक अभिनव पहल है, जिसके माध्यम से प्रत्येक प्रखंड में महिलाओं को घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों से लड़ने और सरकारी योजनाओं तक पहुँच बनाने में सहयोग प्रदान करना है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक द्वारा महिला अधिकारों से जुड़े कानूनी पक्षों पर सशक्त सत्रों का संचालन किया गया और सहभागियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रबंधक सामाजिक विकास अनोज कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल सहभागियों के ज्ञान को समृद्ध करने का माध्यम बनेगा बल्कि लैंगिक न्याय की दिशा में एक ठोस और व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक साबित होगा।
जिला परियोजना प्रबंधक इंद्र शेखर इंदु ने प्रशिक्षुओं को महिला हिंसा के प्रकार के बारे में बताया और घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के मुख्य प्रावधानों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कटिहार जिले में जेंडर संबंधी मुद्दों पर महिलाओं को जागरुक करने और जेंडर संबंधी समस्याओं की सुनवाई और उनके समाधान के लिए 3 प्रखंडों में दीदी अधिकार केंद्र पहले से ही कार्य कर रहा है।
इस प्रशिक्षण में प्रबंधक सामाजिक विकास सुश्री चंदा कुमारी, प्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रबंधन ओम प्रकाश, प्रबंधक संचार रुपेश कुमार, प्रशिक्षण अधिकारी रुपेश कुमार, प्रशिक्षक अरिद्हम दत्ता पुरना आदि शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विनोद सिंह