समाजोपयोगी और नवाचार-आधारित शोध को प्राथमिकता दी जाए: आनंदीबेन पटेल
लखनऊ, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में गुरूवार को राजभवन, लखनऊ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के साथ, प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा अनुसंधान की गुणवत्ता एवं उ
राजभवन में बैठक करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल


लखनऊ, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में गुरूवार को राजभवन, लखनऊ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के साथ, प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा अनुसंधान की गुणवत्ता एवं उपयोगिता को मजबूत करने हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में इस बात पर विशेष रूप से चर्चा की गई कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में किस प्रकार शोध कार्यों को प्रोत्साहित किया जा सकता है, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के माध्यम से किन-किन क्षेत्रों में शोधार्थियों को सहयोग एवं संसाधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने संस्थानों में नवाचार, अनुसंधान एवं विकास की दिशा में ठोस रणनीति बनाएं और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को प्राथमिकता दें। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई परियोजना अस्वीकृत की जाती है, तो विश्वविद्यालय को अस्वीकृति का कारण अवश्य बताया जाना चाहिए, ताकि वे आवश्यक सुधार कर परियोजना को पुनः प्रस्तुत कर सकें। परियोजना की संकल्पना से लेकर उसकी स्वीकृति और पूर्णता तक निरंतर संवाद और समीक्षा की प्रक्रिया बनी रहनी चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि परिषद और विश्वविद्यालयों के बीच बेहतर संवाद और सहयोग होना चाहिए। विषय विशेषज्ञों का चयन करते समय यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे अनुभवी हों, और शिक्षा व शोध क्षेत्र में उनकी गहन समझ हो। बाह्य विशेषज्ञ, सलाहकार समिति के विशेषज्ञ तथा कार्यकारी समिति के सदस्य, सभी अनुभवी और विषय की गहराई में काम करने वाले हों।

आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी अत्यंत प्रतिभाशाली एवं उत्तरदायी हैं। उनके शोध-सम्बंधी विचारों और नवाचारों का लाभ देश को मिलना चाहिए। केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न अनुसंधान एजेंसियों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि अच्छे प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाया जा सके और पेटेंट कराया जा सके। विद्यार्थियों को शोध के लिए प्रारंभिक स्तर से ही प्रशिक्षित करना आवश्यक है। प्रथम वर्ष से ही विद्यार्थियों को अनुसंधान की दिशा में प्रेरित किया जाना चाहिए।

बैठक में प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पंधारी यादव, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति एवं उनकी टीम, उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन