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शिमला, 07 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और प्राध्यापकों ने नियमित वेतन में देरी को लेकर एक बार फिर प्रदर्शन किया और राज्य सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 48 घंटों के भीतर वेतन नहीं मिला तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक एवं कर्मचारी संयुक्त मंच (ह्पुटवा) के अध्यक्ष प्रो. नितिन व्यास ने कहा कि 7 अगस्त तक भी वेतन न मिलना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि यह समस्या बीते कई महीनों से लगातार बनी हुई है, जिससे कर्मचारी और उनके परिवार गहरे आर्थिक और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।
प्रो. व्यास ने कहा कि 1970 में स्थापित विश्वविद्यालय के 55 वर्षों के इतिहास में वेतन में इतनी देरी पहले कभी नहीं हुई। यह संस्थान राज्य ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही इसकी छवि को नुकसान पहुँचा रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जल्द वेतन भुगतान नहीं हुआ तो विश्वविद्यालय को पूरी तरह बंद करने, प्रशासनिक कार्यों के बहिष्कार, परीक्षाओं और मूल्यांकन कार्यों को रोकने और राज्यपाल व शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
ह्पुटवा सचिव डॉ. अंकुश भारद्वाज ने बताया कि पहले भी इस विषय में कई बार सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन अब कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे चुका है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा