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शिमला, 7 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश इलाकों में गुरूवार को बारिश का सिलसिला थमा रहा और राजधानी शिमला में कई दिनों के बाद हल्की धूप खिली। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन यह राहत ज्यादा देर टिकने वाली नहीं है। मौसम विभाग ने 8 से 13 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस दौरान 10 और 11 अगस्त को कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कई जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
8 अगस्त को उना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 9 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश और आंधी का येलो अलर्ट रहेगा। 10 अगस्त को ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट है, जबकि शिमला, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। 11 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि सिरमौर, चंबा और हमीरपुर में येलो अलर्ट रहेगा। 12 और 13 अगस्त को भी येलो अलर्ट रहेगा।
बीते 24 घंटों में ऊना व सोलन में सबसे ज्यादा वर्षा
बीते 24 घंटों में ऊना जिला के भरवीं और सोलन के नालागढ़ में सबसे ज्यादा 120-120 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बिलासपुर के नैना देवी में 90 मिलीमीटर, सिरमौर के पच्छाद और बीबीएमबी क्षेत्र में 70-70 मिलीमीटर, हमीरपुर के मैहरे और कांगड़ा में 60-60 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। धर्मशाला में 40, नाहन, कसौली, देहरा गोपीपुर और बिलासपुर में 30-30 मिलीमीटर वर्षा हुई। किन्नौर के कुकुमसेरी में 46 और शिमला के कुफरी में 33 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।
452 सड़कें बंद, दो नेशनल हाईवे अवरुद्ध
भारी बारिश के चलते राज्य में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। गुरुवार शाम तक दो नेशनल हाईवे और 452 सड़कें बंद हो चुकी थीं। मंडी में 245, कुल्लू में 117, शिमला में 37 और कांगड़ा में 23 सड़कें अवरुद्ध हैं। कुल्लू में एनएच-305 और किन्नौर में एनएच-5 के कुछ हिस्से भी बाधित हैं।
861 ट्रांसफार्मर और 244 जल योजनाएं बंद
राज्य में बिजली और पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ा है। कुल 861 ट्रांसफार्मर और 244 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू में 375, मंडी में 228, सोलन में 210 और शिमला में 43 ट्रांसफार्मर बंद हैं। मंडी की 109 और कांगड़ा की 120 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
पौंग डैम से छोड़ा गया 40 हजार क्यूसिक पानी
कांगड़ा जिले में पौंग बांध से गुरुवार को एक बार फिर 40 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों के किनारे न जाने की अपील की है।
बारिश से अब तक 202 लोगों की मौत, 37 लापता
20 जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 202 लोगों की मौत हो चुकी है। 37 लोग लापता हैं और 307 घायल हुए हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 42, कांगड़ा में 31, शिमला में 21, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन और ऊना में 13-13, हमीरपुर और किन्नौर में 12-12, बिलासपुर और सिरमौर में 8-8 और लाहौल-स्पीति में 5 लोगों की मौत हुई है।
474 घर, 299 दुकानें और 1772 गौशालाएं धराशायी
अब तक 1890 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 474 पूरी तरह ढह चुके हैं। 299 दुकानों और 1772 गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है। अकेले मंडी जिले में 1124 घर और 267 दुकानें प्रभावित हुई हैं।
1952 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
अब तक राज्य को कुल 1952 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1040 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 661 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। मॉनसून सीजन में अब तक 58 बार फ्लैश फ्लड, 30 बार बादल फटने और 51 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा