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अररिया, 07 अगस्त(हि.स.)।
फारबिसगंज के तिरसकुंड पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला मधुरा में महान विभूति राष्ट्रगान रचयिता गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की पुण्यतिथि मनाया गया।
विद्यालय के प्रधान शिक्षक मिथलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ।इसके बाद पूर्व प्रधानाध्यापक कुमार राजीव रंजन ने गुरुदेव के बारे विस्तार से बच्चों को जानकारी दी। बताया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर एक प्रसिद्ध भारतीय कवि, लेखक, संगीतकार, और दार्शनिक भी थे। जिन्होंने हमारे देश की ही नहीं बल्कि बांग्लादेश के भी राष्ट्रगान लिखे हैं। वहीं उपस्थित शिक्षक रंजीत कुमार मंडल ने भी रविन्द्र नाथ टैगोर के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताए कि गुरुदेव एशिया महादेश के एक ऐसे महान व्यक्ति थे, जिन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और वे विश्व के एक मात्र कवि हैं जिनके दो रचनाएं दो देश के राष्ट्रगान बनी।
फोकल शिक्षक संजीत कुमार निगम ने गुरुदेव के विचारों पर चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने शिक्षा को मन के दरवाजे खोलना और सत्य के लिए दरवाजे बंद न करने की बात कही। उन्होंने प्रेम को अधिकार का दावा नहीं, बल्कि स्वतंत्रता देना और दुनिया से प्यार करने के रूप में परिभाषित किया। टैगोरजी का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य छात्रों के मन को खोलना और उन्हें ज्ञान के प्रति जिज्ञासु बनाना है, न कि केवल जानकारी देना।उपस्थित सेविका मीना टुडू ने अपने मातृभाषा संथाली भाषा में गुरुदेव के बारे में संबोधित की । इस अवसर पर उपस्थित सैकड़ों छात्र छात्राएं, अभिभावकगण, विद्यालय के रसोईया, आंगनबाड़ी सेविका तथा सभी शिक्षकों ने मिलकर गुरुदेव के तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर