फारबिसगंज सिविल कोर्ट का एनएच से पहुंच पथ को लेकर जन सुनवाई
अररिया 07 अगस्त(हि.स.)। फारबिसगंज व्यवहार न्यायालय के लिए नेशनल हाईवे एनएच 57 से कोर्ट तक के पहुंच पथ निर्माण कार्य को लेकर अधिग्रहीत होने वाली एक एकड़ से अधिक जमीन की जन सुनवाई अनुमंडल न्यायालय परिसर में आज आयोजित की गई। जनसुनवाई में अनुग्रह नारायण
अररिया फोटो:जन सुनवाई में अधिकारी


अररिया 07 अगस्त(हि.स.)।

फारबिसगंज व्यवहार न्यायालय के लिए नेशनल हाईवे एनएच 57 से कोर्ट तक के पहुंच पथ निर्माण कार्य को लेकर अधिग्रहीत होने वाली एक एकड़ से अधिक जमीन की जन सुनवाई अनुमंडल न्यायालय परिसर में आज आयोजित की गई। जनसुनवाई में अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान पटना के परियोजना निदेशक डा विद्यार्थी विकास, शोध अधिकारी अजय कुमार, आरओ सह डीएलओ अररिया सागर प्रसाद, अमीन स्वेता सुमन शामिल हुए।

मौके पर भूमि धारकों में क्रमशः मो. वाजिद, अमितेश कुमार गुड्डू, मो. कासिम, मो. हामिद, अखिलेश कुमार, समाजसेवी वाहिद अंसारी, मो. नियाज, मो. हामिद, मो. रकीब, राजीव कुमार देव, मोहतसिम शकील, रवि कुमार शर्मा, मो. मोदस्सिर, मो. जुनैद, शंभु नाथ मिश्र, दिलीप ठाकुर सहित बड़ी संख्या में आमजन भी शामिल हुए।

जन सुनवाई के दौरान मौजूद अधिकारियों ने कहा कि फारबिसगंज व्यवहार न्यायालय के सड़क के लिए फारबिसगंज अंचल के मौजा रामपुर थाना संख्या 142 कुल खेसरा 3 में रकवा 1.03.100 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। भूअर्जन अधिनियम के तहत जमीन का एसआईए कराया गया है। बताया कि आज भू अर्जन की कानून 2013 की धारा 5 के अंतर्गत समाजिक प्रभावी मूल्यांकन पटना के निर्देश पर जन सुनवाई आयोजित की गई है। सुनवाई के दौरान भूमि धारकों ने कहा कि उनकी भूमि के एक ओर एनएच है वहीं दूसरी ओर न्यायालय है। ऐसे में भूमि का मुआवजा कर्मशियल देने की मांग की। आधिकारियों ने भूमि धारकों की मांग को अपनी रिपोर्ट में अग्रेषित करने की बात कही। जन सुनवाई के दौरान भूमि धारक संतुष्ट नजर आए। मालूम हो कि फारबिसगंज में फौजदारी कोर्ट प्रारंभ होने के लिए करोड़ों की लागत से भवन बनकर तैयार हैं। सड़क निर्माण नहीं होने के कारण भी मामला फंसा हुआ है। इधर फौजदारी कोर्ट प्रारंभ करने के लिए अधिवक्ताओं के द्वारा लगातार मांग की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर