विगत नौ वर्षों से रविन्द्र पंडित दंडी बम के रूप में बैद्यनाथ शिवलिंग पर करते है जलार्पण
सहरसा, 7 अगस्त (हि.स.)। शहर के मत्स्यगंधा चौसठ योगिनी काली मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित रविंद्र कुमार झा विगत 9 वर्षों से दंडी बम के रूप में देवघर स्थित बैद्यनाथ शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वे साधारण कांवर लेकर बाबा बैधन
बोलबम


सहरसा, 7 अगस्त (हि.स.)। शहर के मत्स्यगंधा चौसठ योगिनी काली मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित रविंद्र कुमार झा विगत 9 वर्षों से दंडी बम के रूप में देवघर स्थित बैद्यनाथ शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वे साधारण कांवर लेकर बाबा बैधनाथ शिवलिंग पर 16 वर्षो तक जलार्पण किया।उन्होंने बताया कि एक बार मोटरसाइकिल से मेरा भयंकर एक्सीडेंट हो गया इसमें डॉक्टरों द्वारा मेरी स्थिति को देखकर स्वस्थ होने से इनकार कर दिया।

उन्होंने बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं रहने की बावजूद कर्ज लेकर किसी तरह ऑपरेशन कराया जो भगवान भोलेनाथ व मैया काली की कृपा से चंद दिनों में ही सब कुछ ठीक-ठाक हो गया। उन्होंने बताया कि नया जीवन पाकर वे साधारण कांवर के बदले दंडी बम के रूप में हर साल बाबा धाम जाने का निर्णय लिया। तब से विगत नौ वर्षों से प्रतिवर्ष दंडी बम के रूप में दंड प्रणाम करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरम्पार है।जिनकी कृपा से मैं स्वस्थ होकर हर वर्ष कावड़ यात्रा कर रहा हूं।

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के वर्ष जब मैं पहली बार दंडी बम बनकर दंड प्रणाम करते हुए जा रहा था।उसी समय बीच रास्ते में सुईया पहाड़ की नजदीक मेरे शरीर में अचानक असहनीय दर्द होने लगा।मैं मजबूर होकर वही गिर पड़ा। श्री झा ने बताया कि उसी समय एक औघड साधु उनके पास आया और उन्होंने दंड प्रणाम की कलम के माध्यम से दर्द निवारण का उपाय बताए जिसे करने से तत्क्षण मेरा दर्द ठीक हो गया। वही दर्द ठीक होते ही वह अघोरी देखते ही देखते विलुप्त हो गया।

उन्होंने कहा कि भगवान शिव अपने भक्तों की रक्षा के लिए इस रास्ते में अनेक चमत्कार करते हैं। उन्होंने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा को जल लेकर दंड प्रणाम करते हुए बैद्यनाथ धाम जा रहे हैं। यात्रा लगभग एक महीना में पूरा होता है। इस बार भी सावन पूर्णिमा के दिन जलार्पण करने की उम्मीद है।पंडित श्री झा ने कहा कि वर्तमान युग में भी श्रद्धा आस्था एवं विश्वास के बल पर भक्त अपने भगवान को समर्पण के साथ पूजा करते हैं। वही बैजनाथ धाम आने वाले हर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार