झज्जर जिला के सबसे बड़े गांव माजरा दुबलधन में में बने बाढ़ जैसे हालात
सड़ने लगा है गलियों में भरा हुआ पानी, घरों की चौखटों तक दे दी है दस्तक
घरों के दरवाजों में मिट्टी से भरी हुई बोरियां लगाकर पानी को अंदर घुसने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं माजरा दूबलधन के लोग।


झज्जर, 7 अगस्त (हि.स.)। जल निकासी व्यवस्था फेल होने के कारण माजरा दुबलधन में जल भराव विकराल रूप धारण करता रहा है। गांव में बाढ़ जैसे हालात होते जा रहे हैं, हरिजन कालोनियों, पीपाला, कांधावाली व कालियावाला मोहल्लो में बाहर से आया पानी हिलोरे मार रहा है। सभी जोहड़ व तालाब ओवरफ्लो हो गए हैं। श्रध्दा की धर्मशाला और तिहाग मोहल्ले में सड़े हुए पानी ने दस्तक दे दी है। जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है। जल जनित रोग फैलने की आशंका हो गई है। बाहरी कॉलोनियों का गांव से संपर्क टूट गया है।

सिवाना माइनर से जो पानी चार दिन पहले आना शुरू हुआ था वह अब तक आ ही रहा है। जबकि कालियावाला और पीपाला में लिफ्ट सिस्टम पर मोटर बंद हो गई हैं। क्योंकि लोहारू कैनाल पर जो पंप सिस्टम था उसकी दोनों मोटरों ने जवाब दे दिया है। अतः कल से पानी निकासी का काम अवरुद्ध पड़ा है। सिधावाली, पीपाला से होती हुई जाने वाली निकासी पाइपलाइन खेल स्टेडियम में जगह-जगह अवरूध पड़ी है।

खेल स्टेडियम पिछले 20 वर्षों से हर साल जलभराव की चपेट में आता है। इसने कभी भी खेल व खिलाड़ियों के दर्शन नहीं किए हैं। यहां जल जनित खरपतवार ने अपना डेरा जमा रखा है। दूसरी ओर चंडाली, दिमाणी, देवालय धाम से लोहारू कैनाल जाने वाली भूमिगत पाइपलाइन भी जगह.जगह धंस गई है और जल निकासी का काम नहीं कर रही है। इससे हरिजन कालोनियां में पानी का जलस्तर बढ़ गया है। गंदा पानी कालियाला से कन्या विद्यालय में ओवर फ्लो होने के बाद खुला बह रहा है। गांव की फिरनियों पर पानी खड़ा है। गांव का खेल स्टेडियम, नौवा, समधाला, देवालय, संताली और दिमानी तालाब भी ओवर फ्लो हो चुके हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण पानी रिहायशी बस्तियों की ओर जा रहा है। जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। बाढ़ राहत का कोई भी प्रभावी कदम जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया है। जिसके कारण बहुत से परिवार बेघर हो गए है। यदि प्रशासन इसी तरह कुंभकरणी नींद में सोया तो जल भराव माजरा दूबलधन के जन जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है। वाटर वर्क्स तथा बूस्टर भी ओवर फ्लो हो गए हैंए जिसमें बाढ का गंदा पानी पेयजल सप्लाई में मिल रहा हैए जिससे गांव में मनुष्य और पशुओं में जल जनित रोग कर कर रहे हैं। शासन प्रशासन जल भराव पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहाएबल्कि कुंभकरणी नींद में सोया हुआ है। लोहारू कैनाल के लिफ्ट सिस्टम पर मोटर जलने के कारण जलनिकासी का काम बिलकुल अवरूद्ध है तथा देखते देखते गंदे पानी का जलस्तर रिहायसी बस्तियों में बढ़ता जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज