फिल्म निर्माता अजय गोविंद ने छात्रों को फिल्म निर्माण के मूल सिद्धांतों से कराया परिचित
देहरादून, 7 अगस्त (हि.स.)। फिल्म निर्माता और लेखक अजय गोविंद ने गुरुवार को दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में एक इंटरैक्टिव चर्चा के माध्यम से छात्रों को फिल्म निर्माण के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया। दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में उत्साही छा
दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में एक इंटरैक्टिव चर्चा


देहरादून, 7 अगस्त (हि.स.)। फिल्म निर्माता और लेखक अजय गोविंद ने गुरुवार को दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में एक इंटरैक्टिव चर्चा के माध्यम से छात्रों को फिल्म निर्माण के मूल सिद्धांतों से परिचित कराया।

दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में उत्साही छात्रों के साथ एक आकर्षक और व्यावहारिक फिल्म सर्कल सत्र का आयोजन किया। इस मौके पर लेखक अजय गोविंद ने टाइट शॉट्स और वाइड शॉट्स के बीच अंतर के बारे में विस्तार से बताया,जिससे छात्रों को यह समझने में मदद मिली की एक निर्देशक किस तरह से एक कहानी का निर्माण करता है। अजय गोविंद ने इन अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए 20 मिनट की एक अपनी, अप्रकाशित फिल्म दिखाई, जिसमें छात्रों को विभिन्न शॉट्स और कहानी कहने की तकनीकों के उपयोग का निरीक्षण करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। स्क्रीनिंग के बाद, गोविंद ने फिल्म निर्माण के तीन प्रमुख चरण प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन पर चर्चा की

कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी दौरान छात्रों ने विचारशील प्रश्न पूछे। एक सवाल के जवाब में गोविंद ने कहा कि आपकी कहानी बताना महत्वपूर्ण है। इसके विचार को पुष्ट करने के लिए व्यक्तिगत कथाएं और प्रामाणिक दृष्टिकोण सिनेमा में बहुत महत्व रखते हैं। उन्होंने कहा कि मनोरंजन फिल्म निर्माण का एक हिस्सा है, लेकिन सिनेमा का असली सार इसकी कहानी कहने की गहराई और समझदार दर्शकों को शिक्षित करने की क्षमता में निहित है। इस सत्र ने छात्रों को प्रेरित और जिज्ञासु बना दिया, जिससे फिल्म निर्माण की कला और शिल्प को समझने के नए दरवाजे खुले।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार