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पूर्वी चंपारण,07 अगस्त (हि.स.)। जिले के सुगौली प्रखंड अंतर्गत उत्तरी सुगांव के लमौनिया गांव के एक गरीब दलित परिवार का युवक तमिलनाडु में मजदूरी करने गया था,जो पिछले 10 दिनों से लापता था। बाद में उसकी संदिग्ध हालत में शव फंदे से लटकता मिला। मृतक के परिजन को उसका मृत शरीर सुपुर्द ना कर के वहीं (तमिलनाडु में) शव को दाह संस्कार कर दिया गया, जो मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
गुरुवार को मनप्रीत कुमार ठाकुर, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि लमौनिया गांव में धरना पर बैठ गये। धरना के दौरान पीड़ित परिवार के लिए मांग करते कहा कि मृतक परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए, पूरे मामले की सीबीआई या उच्च स्तरीय जांच कराई जाए,मृतक के माता-पिता को सरकारी योजना के तहत आश्रित सहायता और पुनर्वास दिया जाए,तमिलनाडु प्रशासन से जवाब तलब किया जाए कि बिना अनुमति शव को क्यों दफनाया गया।
उन्होंने प्रेस,मीडिया,सोशल मीडिया और समाज के सभी जागरूक नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं और दलित परिवार को न्याय दिलाने में मेरा साथ दें। मौके पर दर्जनों से अधिक संख्या में लोग मौजूद रहें।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार