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नई दिल्ली, 7 अगस्त (हि.स.)। भारत सरकार ने एक नई पहल डिजीपिन को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे देशभर में पते की सटीकता और स्थान निर्धारण को बेहतर बनाया जा सकेगा। इस प्रणाली को खास तौर पर दूरस्थ क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु डिजाइन किया गया है।
डिजीपिन का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रत्येक स्थान को एक भौगोलिक टैग (जियोटैग्ड एड्रेस) के माध्यम से सटीक रूप से पहचाना जा सके। इससे न केवल सरकारी सेवाओं की डिलीवरी तेज और प्रभावशाली होगी, बल्कि शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
डिजीपिन प्रणाली को सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया है ताकि वे इसे अपने मौजूदा सेवा तंत्र, योजनाओं और संबंधित एप्लिकेशनों में आसानी से एकीकृत कर सकें। इसके लिए सरकार ने तकनीकी दस्तावेजों और स्रोत कोड को ओपन-सोर्स के रूप में सार्वजनिक कर दिया है, जिससे विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर इसका सहज एकीकरण हो सके।
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बताया कि इस पहल से सरकार की परिसंपत्तियों और कार्यालयों के सटीक स्थान को साझा करना सरल होगा, जिससे नागरिकों को लाभ होगा और विभागीय सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिन्हित करना संभव होगा।
डॉ. शेखर ने कहा कि यह प्रणाली शिकायत निवारण और सेवा अनुरोध निपटान की प्रक्रिया को भी सशक्त बनाएगी, जिससे सरकारी जवाबदेही में वृद्धि होगी। डिजीपिन, डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी स्थान सेवाओं की पहुंच से अछूता न रह जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार